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भविष्यत्कालिक प्रत्यय (१)
शब्द संग्रह (शरीर के अंग-उपांग ३) भुजा-भुआ, बाहू
स्तन-थणो कोहनी-कुहुणी
नाखून--नहो हाथ-करो, पाणी, हत्थो नाखून के नीचे का भाग-पडिसेण उंगली---अंगुली
मुट्ठी-मुट्ठिआ, मुट्ठी हथेली-करयलं
छाती=उरो, वच्छं अंगूठा-अंगुट्ठो
पेट-उयरं, कुच्छि (पुं, स्त्री) मसूडा-दंतवेट्टो (सं)
पतला-पत्तल (वि)
धातु संग्रह पच्चणुभव-अनुभव करना । पच्चापडलौटकर आ पडना पच्चभिजाण-पहचानना पच्चाय--प्रतीति करना पच्चाचक्ख-परित्याग करना पच्चाया-उत्पन्न होना पच्चप्पिण-वापस देना, पच्चाहर---उपदेश देना
सौंप हुए कार्य को करके पच्चुण्णम-थोडा ऊंचा होना निवेदन करना
पच्चाणी-वापस ले आना भविष्यत्कालिक प्रत्यय एकवचन
बहुवचन प्रथमपुरुष हिइ, हितिः, हिए, हिते। हिन्ति, हिन्ते हिइरे
स्सइ, स्सति, (स्यति) स्संति, (स्यन्ति)
स्सए, स्सते (स्यते) स्संते (स्यन्ते) मध्यमपुरुष हिसि, हिसे
हित्था, हिह स्ससि (ष्यसि) स्सह, स्सथ (ष्यथ)
स्ससे (ष्यसे) उत्तमपुरुष हिमि, हामि
स्सामो (ष्यामः) स्सामु, स्साम स्सामि (ष्यामि) हामो, हामु, हाम, हिमो, हिमु, हिम स्सं
हिस्सा, हित्था (कोष्ठक में दिए गए प्रत्यय नहीं हैं । संस्कृत के रूप के साथ समानता
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