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________________ ६२ पडिल्ली - परदा, यवनिका पडवेसिओ-पडौसी सुण्णं - खाली, रिक्त पण --शर्त, होड पयारणं — ठगाई तुमुलो — शोरगुल पात्र – पत्तं बंध बांधना बाह - विरोध करना बिह— डरना शब्दरूप (७) शब्द संग्रह (स्फुट ) बुब्बुअ --- बकरे का बोलना बोध - समझना, ज्ञान करना Jain Education International पत्थयणं - पाथेय पमइलो (वि) – अतिमलिन परिवेसणं - परोसना डिजायणा - प्रतिबिंब, परछाई परिजुसियं - वासी अट्टणं - व्यायाम धातु संग्रह बुव—बोलना बहू -- पुष्ट करना वेस- -बैठना बू -- बोलना आमुस - आमर्श करना, एक बार स्पर्श करना, छूना इम, एअ, क, त, ज, शब्द नियम ५०६ ( इदमेतत् किं यत्तदभ्यष्टो डिणा ३३६६ ) अकारान्त ( इम, एअ, क, त, ज ) शब्दों से परे टा को डिणा ( इणा) आदेश विकल्प से होता है । इमिणा, इमेण । एदिणा, एदेण । किणा, केण । जिणा, जेण । तिणा, तेण । नियम ५१० ( किं यत्तद्द्भ्यो ङसः ३०६३ ) क, त, ज शब्दों से परे ङस् को डास (आस) आदेश विकल्प से होता है । कास, कस्स । जास, जस्स । तास, तस्स । नियम ५११ (ङ हि डाला हुआ काले ३०६५) काल अर्थ में वर्तमान क, त, ज शब्दों से परे ङि को डाहे ( आहे ) डाला ( आला ) तथा इआ आदेश विकल्प से होता है । काहे, काला, कड़आ ( किस समय में ) । जाहे, जाला, इआ ( जिस समय में ) । ताहे, ताला, तइआ ( उस समय में ) । नियम ५१२ ( इसे ३।६६ ) किं, यत् और तत् शब्दों से परे For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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