________________
स्वरभक्ति (स्वरागम )
११
पृथ्वी (पुहुवी ) । मृद्वी ( मउवी ) । स्रघ्नं (सुरुग्धं ) । सूक्ष्मं (सुहुमं ) । नियम ४१६ ( एक स्वरे श्वः स्वे २।११४) एक पद में श्व और स्व शब्द हो तो उनसे उकार का आगम होता है । श्वः ( सुवे ) । स्व ( सुव ) | ( वक्रादावन्त: १।२६ ) नियम १६ से वक्र आदि शब्दों में कहीं पहले स्वर के बाद, कहीं दूसरे स्वर के बाद, कहीं तीसरे स्वर के बाद अनुस्वार का आगम होता है ।
प्रयोग वाक्य
अस्सत्थो अजाण (आर्य ) पूयणीओ रुक्खो अस्थि । जत्थ कत्थइ चंदणी अस्थि सव्वं इक्कं ( राजा का ) धणं अस्थि । पीलू सघणो भवइ । असोयस्स छायं ठिच्चा जणा संति अणुभवंति । बब्बूलस्स डाली दंतधावणाय होइ । वडस्स साहाए अणेगवडा उप्पज्जइ । णिबस्स डाली दंतधावणस्स मिट्ठा मणिज्जइ । वंसेसु पाओ अग्गी उप्पज्जइ । अमुम्मि पएसे बउलो न मिलइ ।
धातु प्रयोग
पणझुणीहि वाउमंडलं गुमगुमीअ । सा केसे गुभइ । एगदेसम्मि दंडरूवेण विअंगइ | जो खलणं करेइ सो सम्माणभयेण गोवइ । अहं भवयाण सिक्खं घत्तिस्सं । सूंठ घसिऊणं सो पायेसु लिपइ । पास, वक्खाणे को विअंभई । एगो साहू आयरिअस्स समीवे णियभावा विअडइ । वाणरा केवलं घुरुक्कंति । जिणवणे मा विअप्पर । प्राकृत में 'अनुवाद करो
श्रद्धालु लोग पीपल की पूजा करते हैं। चंदन का सेवन उष्णता को शांत करता है । मरुवासी पीलू का फल शौक से खाते | अशोक वृक्ष ध्यान साधना में सहायक होता है । बबूल के पेड तुम्हारे गांव में कितने हैं ? बरगद का दूध कामोत्तेजक होता है। नीम की छाया स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है । वंशलोचन दवा में काम आता है । मौलसिरी वृक्ष कितने प्रकार के होते हैं ?
धातु का प्रयोग करो
भ्रमर मधुर ध्वनि करता है । माली माला को गूंथता है । राजा ने अपराधी (अवरा हिल्ल) के हाथ-पांव आदि कटवाए । गुप्त बात को छिपाना चाहिए। अपने दोष को छिपाना नहीं चाहिए। तुम जो दोगे मैं उसे ग्रहण करूंगा । वह लोंग को घिसकर लगाता है । दो बादाम को घिस कर दूध के साथ पीना चाहिए। रात के 8 बजे के बाद वह जंभाई लेने लगा । एक पत्र में उसने अपने विचार प्रकट किए। बंदर घुडकते हैं, उनसे डरना नहीं चाहिए। वह बात-बात में संशय करता है ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org