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पूर्ण व्यंजन परिवर्तन
शब्द संग्रह (फल वर्ग १) आम-अंबं, सहआरफलं
बेल-वेलयो अमरूद-पेरुओ (सं)
तरबूज-कालिंगो केला--कयलो
खरबूजा--खब्बूयं, दसंगुलं (सं) नारंगी-~णारंगो
कटहल-पणसो कमरख-कम्मरंगो (सं)
अनार--दाडिम कपित्थ-कविट्ठो
सेव-सेवं (सं) सहतूत-तूओ, तूलो (सं)
अनानास-अणंणासं पीलु-पीलु(पुं)
जामुन-जंबूओ, जंबूगो, जंबू (स्त्री) बडहर-लउचो, एरावयो
नाशपती-अमियफलं (सं)
पुष्टिवाला-पुट्रिम (वि०)
खट्टा-खटुं (दे०) कब्ज-मलावरोहो
तंत्र-तंतं
पुराना-पुराअणं
धातु संग्रह खच-पवित्र होना
खुब्भ-क्षुब्ध होना खर-झरना, टपकना
खिस-निंदा करना खरड-लीपना, पोतना
खुम्म-भूख लगना खल-पडना, भूलना, रुकना गल-गलना, सडना
नियम ३७३ (स्तोकस्य थोषक-थोव-येवाः २॥१२५) स्तोक शब्द को थोक्क, थोव, थेव-ये तीन आदेश विकल्प से होते हैं। स्तोकं (थोक्कं, थोवं, थेवं, थोअं)।
नियम ३७४ (दुहित-भगिन्यो —आ-बहिण्यो २।१२६) दुहित को धूआ और भगिनी को बहिणी आदेश विकल्प से होता है । दुहित (धूआ, दुहिआ) । भगिनी (बहिणी, भइणी)।
नियम ३७५ (वक्ष-क्षिप्तयो रुक्ख-छुढो २।१२७) वृक्ष और क्षिप्त शब्द को क्रमशः रुक्ख और छूढ आदेश विकल्प से होता है। वृक्षः (रुक्खो, वच्छो) । क्षिप्तं (छूढं, खित्तं)।
नियम ३७६ (वनिताया विलया २११२८) वनिता शब्द को विलया
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