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________________ ४७ चावल - - तण्डुलो अरहर — आढकी ज्वार — जुआरी (दे.) सरसों- सस्सपो O संयुक्त व्यंजन परिवर्तन (६) कोदो कुद्दवो राई — राई (स्त्री) राइगा बांस के बीज - वंसज वो (सं) चर्वी- मेओ शब्द संग्रह (धान्य वर्ग २ ) गेहूं-- गोहूमो मसूर — मसूरो तीसी - अलसी कांगन --- कंगू (स्त्री) उप्फाले -- उठाना, उखाड़ना उफिड मेढक की तरह कूदना उप्फुस - सींचना, छिडकना किलेस -- हैरान होना कूण संकुचित होना कुसुंभ-लट्टा तीनी--णीवारो गरहेडुआ--- गवेधुआ (सं) अस्थि - अस्थि (न) धातु का प्रयोग Jain Education International कुल्ल - कूदना खअ -- - नष्ट होना कूड-झूठा ठहरना, अन्यथा करना खउर - डर से विह्वल होना खअर-संपत्ति युक्त होना र, ल, स, ह आदेश ----- नियम ३६१ ( ब्रह्मचर्य - तूर्य-सौन्दर्य - शौण्डीर्ये यो रः २/६३) ब्रह्मचर्य, तूर्य, सौन्दर्य और शौण्डीर्य शब्दों के र्य को र आदेश होता है । 7- बम्हरं ( ब्रह्मचर्यम् ) तूरं ( तूर्यम् ) सुंदेरं ( सौन्दर्यम्) सोण्डीरं ( शौण्डीर्यम्) । नियम ३६२ (धर्ये वा २।६४) धैर्य शब्द के र्य को र विकल्प से होता - धीरं ( धैर्यम् ) धिज्जं । नियम ३६३ ( एतः पर्यन्ते २६५ ) पर्यन्त शब्द के एकार से परे ये कोर होता है । र्य र - पेरतो ( पर्यन्तः ) । नियम ३६४ ( आश्चर्ये २/६६ ) आश्चर्य शब्द के एकार से परे र्य को र होता है । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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