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संयुक्त व्यंजन परिवर्तन (४)
विकल्प से होता है। न्य 7न्त-मन्युः (मन्तू, मन्नू)
नियम ३४६ (चिन्हे न्धो वा २०५०) चिन्ह शब्द के न्ह को न्ध आदेश विकल्प से होता है। न्ह 7-ध-चिन्हं (चिन्धं, इन्धं, चिण्हं)
नियम ३४७ (मध्याह्न हः २।८४) मध्याह्न शब्द के ह का लुक् विकल्प से होता है। ह7 न-मध्याह्नः (मज्झन्नो, मज्झण्हो) प्रयोग वाक्य
दंतेहिं चन्विऊण (चबाकर) हरडईए भक्खणे उअराग्गी वड्ढइ । जं जाइफलं णिद्धं, गुरुं, सह य करेइ तं उत्तमं भवइ । जाइवत्तिआ जाइफलस्स तया (त्वचा) चिअ भवइ । अजमो अरसं (बवासीर) णासइ। ईसिगोलवुसं नीरेण सह भुंजिअव्वं, सीयलं भवइ। चोरं सुगंधमयं सुसाउ य भवइ । ईसिगोलो महुरो मलरोहगो य भवइ। एला रत्तपित्तणासिया भवइ । सुहुमेला सीयला होइ । धत्ती केसेसु नेतसु य हियअरा अस्थि । बहेडओ अरसपडिसायाइरोगेसु उवओगी होइ । मेथीबीयाण उवओगो चम्मस्स मिउत्तण→ (मृदुता) भवइ । सुहुमेला सीयला भवइ । गोलोअणो अवमारं (पागलपन) नस्सइ । सयपुप्फा भक्खणे सुक्ककासे (सूखी खांसी में) लाभअरा भवइ । तिफलाए नीरेण नेत्तजोई वड्ढइ । णागकेसरो कोढं णासइ । धातु प्रयोग
अहं किमवि न कंखामि । तस्स नाममत्तेण सो कंपइ। तुम नईइ कहं कज्जलावीअ । पत्ती पई कडक्खइ । मामा के कढइ ? सो अप्पाणं कत्थइ । इणं वत्थु मं कप्पइ । तुम मित्तं कहं कयत्थसि ? सो कळं करालेइ। प्राकृत में अनुवाद करो
____ आमला के खट्टेपन (खट्टत्तणेण) से वायु का नाश होता है। बहेडा मस्तिष्क के लिए हितकारी है । मेथी शोथ (सूणिओ) को दूर करती है। ईसबगोल मल को बांधता है । जायफल तृषा (तण्हा) और शूल (सूलो) को दूर करती है । जावित्री खांसी और जडता को दूर करती है। छोटी इलायची केलों के भारीपन को मिटाती है। भुनी हुई हरी त्रिदोष का नाश करती है। त्रिफला कफ, पित्त को नाश करने वाली तथा प्रमेह (महुमेहणी) को दूर करनेवाली है। अजवायन वमन (वमण) को दूर करती है । ईसबगोल की भुसी शीतल होती है। दालचीनी शरीर को सुंदर करनेवाली है । इलायची पथरी (अस्सरी) को दूर करती है। सौंफ को पीसकर पीने से पेशाब की जलन मिटती है । गोरोचन उन्माद (उम्मायो) को दूर करता है। नागकेशर
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