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________________ ४५ संयुक्त व्यंजन परिवर्तन (४) शब्द संग्रह (औषधि वर्ग २) आमला--धत्ती हर-हरडई, अभया बहेडा-बहेडओ त्रिफला-तिफला मेथी-मेथी (सं) अजवायन-अजम (वि) दे. . ईसबगोल-ईसिगोलो (सं)। ईसबगोलभुसी-ईसिगोलवुसं (सं) णिद्धवीयं (सं) दालचीनी-चोअं (दे.) चोचं (सं) जायफल-जाइफलं इलायची--एला, थूलेला, तिपुडा (सं) जावित्री-जाइवत्तिआ सौंफ -सयपुप्फा छोटी इलायची-सुहुमेला गोरोचन-गोर्लोअणो (सं) नागकेसर-णागकेसरो भुना हुआ-भज्जिअ (वि) धातु संग्रह कंख-चाहना, बांछना कत्थ-श्लाघा करना, प्रशंसा करना कंप-कांपना कप्प (कृप)--काम में आना, कल्पना कज्जलाव-डूबना कयत्थ-हैरान करना कडक्ख-कटाक्ष करना कर-करना कढ (क्वथ्)-उबालना, क्वाथ कराल-फाडना, छेद करना करना स,य,ष,न आवेश नियम ३३६ (म्न-ज्ञोर्णः १०४१) म्न और ज्ञ को ण आदेश होता है। म्न>ण-निम्नं (निण्णं) । प्रद्युम्नः (पज्जुण्णो) ज्ञ7ण-आज्ञा (आणा)। ज्ञानं (णाणं) । संज्ञा (सण्णा) . विज्ञानं (विण्णाणं) । प्रज्ञा (पण्णा) नियम ३३७ (पञ्चाशत्-पञ्चदश-वत्ते स४३) पञ्चाशत्, पञ्चदश और दत्त शब्द के संयुक्त को ण आदेश विकल्प से होता है। च>ण-पञ्चाशत् (पण्णासा) पञ्चदश. (पण्णरह) ताण-दत्तं (दिण्णं) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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