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संयुक्त व्यंजन परिवर्तन (३)
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पीपर पिप्पली
लौंग - लवंगो, पउमा पीपरामूल – पिप्पलीमूलं
अश्वगंध-- अस्सगंधा वंशलोचन - वंसरोअणा अडूसा -- वासओ
चूना चुणं
शब्द संग्रह ( औषधि वर्ग १ )
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जुकाम - पडिसायो
स्मृति---सई (स्त्री) स्वच्छ- -अच्छं
काली मिर्च - कह मिरिअं सोंठ सुंठी
गिलोय - गलोई, वच्छादणी गोखरु—–गोक्खुरो
फिटकडी- सोरट्टिया जमालगोटा - सारओ खदिरसार ( कथा ) -- सिखइरो ( सं )
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उदर-- उअरं
कृमि — किमी चामर - सीतं
धातु संग्रह
आराह-- भक्ति करना
आलिंग - गले लगाना आलिंगन करना आरूस - क्रोध करना, रोष करना आलिपपोतना, लेप करना आलंब - --आश्रय लेना, सहार लेना आलक्ख - चिह्न से पहचानना आलव -- बातचीत करना
आली - आसक्त होना
वीअ - हवा डालना उज्जाल - जलाना
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ट, ठ, ड, ढ आदेश
नियम ३२३ ( वृत्त प्रवृत्त मृत्तिका पत्तन कदर्थते टः २२६ ) इन शब्दों के संयुक्त को ट आदेश होता है ।
त 7 ट - वृत्त: ( वट्टो) प्रवृत्तः ( पयट्टो ) मृत्तिका ( मट्टिआ ) पत्तनं ( पट्टणं ) थं 7 ट— कदर्थितः (कवट्टिओ)
नियम ३२४ ( तस्याधूर्त्तादौ २।३० ) र्त को ट आदेश होता है । धूर्त्त आदि शब्दों को छोडकर |
र्त 7 ट कैवर्त (केवट्टी) वर्ती ( वट्टी ) नर्तकी (नदृद) वर्तुल (बट्टुलो) जत: ( जट्टो) वर्तुलं ( वट्टुलं) राजवर्तकं ( रायवट्टयं ) |
नियम ३२५ ( पर्यस्ते थ-टो २२४७) पर्यस्त शब्द के स्त को क्रमशः थ और ट आदेश होता है ।
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