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संयुक्त व्यञ्जन परिवर्तन (२)
१६१ कलायम्मि रत्तमिरिअं अहियं अत्थि । सोवत्थिअसागो भगवया महावीरेणावि भुत्तो । सूरणो रुक्खो भवइ । गिम्हकाले जणा खट्ट करीरफलाण सागं रुइए (रुचि से) भक्खंति । धातु प्रयोग
____तुम अत्थ कया आयाहिसि ? तुज्झ पोत्थयं अहं आयाहिमि । पच्चूहे सव्वे जणा आयामति । दाणवीरो सोहणो धणं आयामइ । गुरू केण कारणेण सीसा आयारइ ? मुणी सुहलालो गिम्हकाले सिलापट्टम्मि आयाविंसु । सासू धणलोभत्तो पुत्तवहूं आयासइ । सो णाणं आरज्झइ । पिउस्स मच्चुम्मि पुत्तो आरडइ आरसइ वा। प्राकृत में अनुवाद करो
पुदिना की चटनी किसने बनाई है ? वह दाल में धनिए की चटनी मिलाकर खाता है । चौलाई के शाक से कब्ज मिटती है। गोभी के पत्तों का शाक मैं खा सकता हूं। बाजार में आज तोरई का शाक अधिक है। कोहला तुम किस स्थान से लाए हो ? शकरकंदी के शाक में उतनी मधुरता नहीं है। मकोय शाक त्रिदोष को नाश करता है। आज मैं मटर की फली का शाक नहीं खाऊंगा। सांगरी का शाक स्वास्थ्य के लिए हितकर है। कच्ची भिंडी का शाक पेट की शुद्धि करता है। टिंडा के भीतर लाल मीर्च देकर बना हुआ शाक कौन नहीं खाता है ? गाजर रक्त को बढाती है। हल्दी का शाक वायु को नाश करता है। मटर का शाक आजकल सब जगह मिलता है । चोपतिया साग को बंगाल के लोग अधिक खाते हैं। सूरनकंद तुम कल कहां से लाओगे ? केर का शाक बहुत लाभकारी होता है। धातु का प्रयोग करो
वह अपने घर से आता है। तुम मुझे शिक्षा दो मैं सम्यक् ग्रहण करूंगा। प्रतिदिन मैं समय पर शौच जाता हैं। जो दूसरों को देता है वह अधिक पाता है । भगवान महावीर ने अपने शिष्यों को आह्वान किया । भिक्षु' स्वामी ने नदी में आतापना ली। किसी को तकलीफ मत दो। मैं अपने आराध्य की आराधना करता हूं। वह अपनी माता की मृत्यु सुनकर खूब रोया।
प्रश्न १ नीचे लिखे शब्दों में बताओ इस पाठ के किस नियम से क्या आदेश हुआ है ? अहिमज्जू, सज्झसं, कुच्छी, छणो, रिच्छं, विछिओ, सामच्छं, सावज्जो, जुई, मझं, झओ, इज्झाइ, अज्जा ।
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