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संयुक्त व्यंजन परिवर्तन ( १ )
शब्द संग्रह (शाक वर्ग १ )
करेला — कारेल्लयं, कारिल्ली (दे.) परवल -- पडोलो, पडोला
बेंगन - वितागी, वायंगणं (दे.) खीरा, काकडी — कक्कडी मूली - मूलगं
आलु - आलू (पुं, न )
पपीते का शाक-महुकक्कडीसागो
चने का शाक
-चणगसागो
मक्का - मकाय सागो, महाकाय सागो (सं)
आ (या) --- जाना
आउछ — खींचना, जोतना
आअक्ख- - कहना
आअर (आदृ) आइ (आ दा ) लेना
पालक-पालक्का
अदरख -- सिंगबेरं प्याज - लंडू (पुं)
लहसुन – लसुणं वत्थुआ - वत्थुलो लौकी— अलाउ
-आदर करना
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केले का शाक केली ग्वारफली - गोराणी, दढ बीया,
आइंच -- सींचना, छिडकना आयंव-कांपना, हिलना
आयम - आचमन करना आयर- -आचरण करना
आयल्ल - लटकना
संयुक्त व्यंजन-संयुक्त व्यंजनों को होने वाले आदेश क, ख आदि क्रम से दिए जा रहे हैं । आदेश के बाद व्यंजन द्वित्व हो जाते हैं । क, ख, ग, घ, च आदेश
वाया (बाकुचिया )
टमाटर - रत्तंगो (सं)
धातु संग्रह
नियम २६७ ( शक्त- मुक्त-वष्ट-रुग्ण मृदुत्वे को वा २१२ ) शक्त, मुक्त दष्ट, रुग्ण और मृदुत्व शब्द के संयुक्त को क आदेश विकल्प से होता है । क्त 7 क -- शक्तः (सक्को, सत्तो ) । मुक्त: ( मुक्को, मुत्तो ) ।
ग्ण 7 क --- - रुग्ण: ( लुक्को, लुग्गो) ।
स्व / क - मृदुत्वं (माउक्क, माउत्तणं ) ।
ष्ट 7 क — दष्ट: ( डक्को, दट्ठो) ।
नोट १ – सक्को और मुक्को ये दो शब्द नियम २१६ क -ग-च-ज-त-दप-य-वां प्रायो लुक् १।१७७ ) के अपवाद रूप हैं ।
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