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________________ ३७ मध्यवर्ती सरल व्यंजन परिवर्तन (२) शब्द संग्रह (वस्त्र वर्ग २) टोपी-सिरक्कं टोप-सिरत्ताणं दुपट्टा-उत्तरीयं, उत्तरिज्ज चादर-पच्छयो पैट-अप्पईणं (सं) पतलून-पतलूणो (सं) वासकट-~-वासकडी (सं) शेरवानी--पावारओ रजाई-नीसारो (सं) तकिया-उवहाणं पगडी-उण्हीसं धोती-अहोवत्यं, कडिवस्थं पायजामा-पायजामो कुर्ता-कंचुओ रूमाल-पडपुत्तिया तोलिया, अंगोछा-अंगपुच्छणं कौपीन-अवअच्छं (दे.) ओवरकोट-बुहइया (सं) रात्रिपौशाक-नत्तवेसो (सं) रक्षा-ताणं चिकना–सण्ह (वि) घर्षण-घसणं, घसणं धातु का प्रयोग बाह-पीडा करना पोस-पुष्ट होना फेल्लुस-फिसलना पिंज-रुई धुनना फरिस--छूना पाल-पालन करना फट्ट-फटना, फूटना आरंभ-आरम्भ करना पागड-प्रकट करना क7 ग-एगो (एक:) अमुगो (अमुक:) असुगो (असुकः) सावगो (श्रावकः) आगारो (आकारः) तित्थगरो (तीर्थकरः) आगरिसो (आकर्षः) एगत्तं (एकत्वं)। इत्यादिषु व्यत्ययश्च (४.४४७) इत्येव कस्य गत्वम् (१११७७ को वृत्ति) नियम २२६ (शीकरे भही वा १।१८४) शीकर शब्द के क को भ और ह विकल्प से होता है ।। काभ, ह-सीभरो, सीहरो, सीअरो (शीकरः) नियम २२६ (चन्द्रिकायां मः ॥१८५) चन्द्रिका शब्द के क को म होता है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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