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स्वरादेश ( ६ )
११३
नियम १७२ ( आवृते ढिः १११४३) आदृत शब्द के ऋ को दि आदेश होता हैं ।
ॠ / ठि-आढिओ (आदृतः )
नियम १७३ ( अरिर्वृप्ते १।१४४) दृप्त शब्द के ॠ को रि आदेश
होता है ।
ऋ / रि-दरिओ ( दृप्तः )
प्रयोग वाक्य
विमला ओट्ठरंजणेण ओट्ठा रंजइ । हैमं सितवण्णं भवइ सीयलं य देइ । पुप्फसारेण संपुरणं ठाणं सुगंधमयं जाअं । मेंहदी थीण पिआ अत्थि । छेंडेण थी सिरी भवइ । मोहणी दिवहे पंच तंबोलाई चरइ । दप्पणे (आयंसम्मि) farari फुडं दिसइ । जयमाला आमेलम्मि आमेलिअं लगावेइ । किं कवोल - रंजणं अग्घं ( मूल्यवान् ) अस्थि ? पाओ ( प्रायः ) कुमारीओ णहरंजणं करेंति । जणा चम्मस्स लुक्खयाए ( रूक्षता ) सरस्स पओगं करेंति । तेलम्म सुगंधो Hars rafi अभिहाणं अस्थि ? पूरणो नयणेसुं अंजणं देइ । सुलोअणा फणिण केसा सारइ ( संवारना ) । सिंदूरी सधवाए चिधं अस्थि । चुण्णअं सेअं संधइ |
धातु प्रयोग
araगा सावियाओ य टमकोरम्मि ग्रामम्मि आगमणस्स आयरिअं अभिपत्थंति । जो धम्मं परिच्चयइ सो दुही होइ । अहं सव्वं जाणामि तहवि तुं न जाणामि । बाला गिहे रमई । पुरिसा पगे परिअवंति उज्जाणे । अहं तुमं सव्वं अभिजाणामि । देवा असुरा य समुद्दं पमत्थीअ । सीसो गुरुं नमइ । जो सहइ परा सो सुही भवइ । अणिच्चवाई एवं आइक्खइ संसारे सव्वं अणिच्चं । प्राकृत में अनुवाद करो
होठों पर लिपस्टिक लगाना स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है । स्नो से चिकना नहीं होता है । सरला इत्र का प्रयोग कभी-कभी करती है । सुमन आज मेंहदी क्यों नहीं लगाएगी ? जूडा से स्त्री को प्रसन्नता होती है । रमेश भोजन के बाद प्रतिदिन पान खाता है। छोटे दर्पण में भी चेहरा साफ दिखता है । किस प्रदेश में स्त्रियां केशों का जूडा बनाती हैं ? तुम रूज को किस प्रदेश से लाए हो ? नेलपालिश से नखों को लाल करना व्यर्थ है । क्रीम शीतकाल में विशेष बिकता है । तेल से केश चिकने होते हैं। अंजन से आंखें ठीक रहती हैं । आज तुम पुष्पमाला किसलिए लाए हो ? माता कंघी से लडकी के केश संवारती है । विधवा की ललाट में सिंदूर क्यों है ? पाउडर प्रत्येक आदमी को नहीं मिलता है ।
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