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________________ ३० स्वरादेश ऊ कार को अ, इ, उ, ओ आदेश शब्द संग्रह (गृह अवयव) घर का भीतरी आंगन-~-अंतोवगडा (दे) किंवाड-कवाडं छत-छायणं दहलीज-देहली, अंबेसी (पुं) (दे०) खिडकी-खडक्की, वायायणं दरवाजा--दारं बरामदा---वरंडिया (दे०) खूटी-णागदतो घर का पिछला आंगन-पडोहरं छोटा दरवाजा-मूसा (दे०) ओसारा-उवसालं अट्टारी--अट्टं . तीखी खूटी-अलीपट्ट (दे०) घर के बाहर की कोठरी-धरकुडी दीवाल-भित्ति धातु संग्रह जाय--याचना करना पवय-वाद विवाद करना अक्खा--बोलना, कहना अवमन्न-अपमान करना भास-भाषण करना पमय-प्रमाद करना, आलस्य करना जूर-झुरना तिप्प-देना, रोना पिट्ट-पीटना, मारना परितप्प-परिताप करना, दुःखी होना अव्यय अन्नहि (अन्यत्र)-अन्यत्र, दूसरे में तारिस (तादृश)--उसके समान बाहिं, बाहिर (बहिः)-~बाहर अभिक्खणं (अभीक्ष्णं)-बार-बार न उणा (न पुनः)---फिर नहीं कए, कएण (कृते)-लिए, निमित्त नियम १४७ (अदूतः सूक्ष्मे वा ११११८) सूक्ष्म शब्द के ऊकार को अकार विकल्प से होता है। ऊ 7 अ—सणहं, सुण्डं (सूक्ष्मम् ) नियम १४८ (दुकले वा लश्च द्विः ११११६) दुकूल शब्द के ऊकार को अकार विकल्प से होता है। उसके संयोग में लकार द्वित्व होता है। ऊ7 अदुअल्लं, दुऊलं (दुकूलम्) । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002024
Book TitlePrakrit Vakyarachna Bodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages622
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Grammar, & Literature
File Size20 MB
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