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वरतरमुबिया श्रम मुणिमुठियविमाया मंदियलिविदलंघ लघु लिय काय पुष्णुक
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34 मुनि सुदत्त के दर्शन करते ही अभयमति और अभयरुचि अचेत हो गये, जसहर चरिउ के एक पत्र पर लगभग 1454 ई०, कदाचित् दिल्ली, उत्तर भारतीय शैली (निजी संग्रह)
35 परिचारकों सहित शांतिनाथ, शांतिनाथ चरिउ के पत्र पर लगभग 1420-60 ई०, ( लेख में देखिए जहाँ इसके बाद के समय पर विचार किया गया है) कदाचित् दिल्ली, उत्तर भारतीय शैली (निजी संग्रह)
अध्याय 31 ]
भित्ति चित्र