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________________ ७८ द्वादशार-नयचक्र का दार्शनिक अध्ययन यदि आप ऐसा मानते हैं कि पुरुष ही सबका कारण है तब यह आपत्ति आती है कि पुरुष स्वयं अपनी उत्पत्ति एवं लय में कारण कैसे बन सकता है ? जैसे अंगुली का अग्रभाग अपने अग्रभाग को छू नहीं सकता एवं तलवार अपने आपको छेद नहीं सकती' । इसका समाधान आचार्य मल्लवादि ने मुण्डकोपनिषद् की कारिका के आधार पर दिया है कि जैसे मकड़ी अपनी जाल बनाती है और फिर वापस उसी को ग्रहण करती है तथा जैसे वनस्पतियाँ पृथ्वी से उत्पन्न होती हैं और पृथ्वी में ही विलीन हो जाती हैं । जिस प्रकार अग्नि से स्फुलिंग उत्पन्न होते हैं उसी प्रकार पुरुष से ही सारी सृष्टि उत्पन्न होती है । इस सिद्धान्त में कोई आपत्ति नहीं आती है। पुरुष की काल, प्रकृति, नियति, स्वभाव आदि से एकरूपता द्वादशारनयचक्र में शब्दों की व्युत्पत्ति के आधार पर अन्य कालादि तत्त्वों को भी पुरुष रूप ही सिद्ध किया है। जैसे पुरुष ही काल है। क्योंकि कलनात् काल: इस व्युत्पत्ति के आधार पर पाणिनि के धातु-पाठ में कल संख्याने पाठ मिलता है । तदनुसार कलनं का अर्थ ज्ञान होगा । अतः जो ज्ञानात्मक है वही कर्ता होगा और ज्ञानात्मक तो केवल पुरुष ही है । इस प्रकार काल और पुरुष में भेद नहीं है । प्रकरणात् प्रकृतिः अर्थात् जो विस्तार करती है वह प्रकृति है । जैसे सत्त्व, रजस्, तमसात्मक प्रकृति से सृष्टि उत्पन्न होती है उसी प्रकार पुरुष से - १. वही, मूल एवं टीका, पृ० १९०. २. तन्त्रवायककोशकारककीटवच्च तदात्मका एवैते संहारविसर्गबन्धमोक्षाः । यथा च सुदीप्तात् पावकाद्विस्फुलिंगा भवन्ति... | वही, पृ० १९१. यथोर्णनाभिः सृजते गृणीते च यथा पृथिव्यामौषधयः सम्भवन्ति । यथा सतः पुरुषात् केशलोमानीति वा, यथा सुदीप्तात् पावकाद्विस्फुलिङ्गा भवन्ति तथाक्षरात् सम्भवतीह विश्वम् [मुण्डकोप०] मुण्डकोप. इति । वही, पृ० १९१. ३. स एव कलनात् कालः । द्वा० न० पृ० १९१ स एव ज्ञत्वात् कलनात् कालः, कल संख्याने [पा०धा० ४९७. १८६६], कलनं ज्ञानं संख्यानमित्यर्थः । वही, पृ० १९१. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001955
Book TitleDvadashar Naychakra ka Darshanik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJitendra B Shah
PublisherShrutratnakar Ahmedabad
Publication Year2008
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Epistemology
File Size11 MB
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