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________________ जैन दार्शनिक परम्परा का विकास ११ उन्होंने मल्ल की विशेष योग्यता देखकर उन्हें आचार्य पद पर आसीन किया । एकदा मल्ल मुनि ने सुना कि अपने गुरु श्री जिनानन्द को भरुच नामक नगर में बौद्धों ने हराया था । यह बात सुनकर आचार्य मल्ल ने वलभी से भरुच की ओर विहार किया । वहाँ जाकर उन्होंने अपने गुरु के प्रतिस्पर्धी बौद्ध आचार्य बौद्धानन्द से वाद किया और उसको हराया। अपने गुरु को सम्मानूपर्वक भरुच नगर में प्रवेश करवाया । गुरु श्री जिनानन्दजी और जैनसंघ आचार्य मल्ल की जीत से आनन्दित हुए । इस प्रसंग के पश्चात् मल्लसूरि वादी के रूप में प्रसिद्ध हुए । आचार्य मल्लवादी ने नयचक्र के अलावा २४००० श्लोक प्रमाण पद्मचरित नामक रामायण की रचन की थी । २ किंवदन्ती के अनुसार मल्लवादी से पराजित बुद्धानन्द मरकर व्यंतरदेव हुआ था । पूर्व के द्वेष से मल्लवादी कृत नयचक्र और पद्मचरित को नष्ट कर दिए । इससे यह फलित होता है कि प्रभावक चरितकार के समय में उक्त दोनों ग्रन्थ नष्ट हो चुके थे । पू० कल्याणविजयजी का कहना है कि आ० मल्लवादी के उक्त ग्रन्थ बौद्धों के द्वारा नष्ट हो गए थे । * प्रबन्ध-ग्रन्थों में मल्लवादी की माता दुर्लभदेवी को वल्लभी के राजा शीलादित्य की बहन मानकर पूर्वोक्त महावादी को शीलादित्य का भाँजा ठहराया है, तथा बौद्धों के साथ मल्लवादी का वाद श्री शीलादित्य की सभा में बताया जाता है 14 १. मल्लाचार्य इति श्रुत्वा लीलया सिंहवत् स्थिरः । गम्भीरगीर्भरं प्राह ध्वस्तगर्वो द्विषन्नृणाम् ॥ ४९ ॥ द्वादशारं नयचक्रं परिशिष्ठ, पृ० ९१०. वही, पृ० ९११. २. श्रीपद्मचरितं नाम रामायणमुदाहरत् । चतुर्विंशतिरेतस्य सहसा ग्रन्थमानतः ॥ ७० ॥ ३. बुद्धानन्दस्तदा मृत्वा विपक्षव्यन्तरोऽजनि । जिनशासन - विद्वेषि-प्रान्त - कालमतेरसौ ॥ ७२ ॥ तेन प्राग्वैरतस्तस्य ग्रन्थद्वयमधिष्ठितम् । विद्यते पुस्तकस्थं तत् वाचितुं स न यच्छति ॥ ७३ ॥ ४. प्रभावकचरित, प्रस्तावना, पृ० ५६. ५. प्रबन्धकोश - श्री मल्लवादी प्रबन्धः श्लो. २३-२७. Jain Education International द्वादशारं नयचक्रं पृ० ९११. For Private & Personal Use Only " www.jainelibrary.org
SR No.001955
Book TitleDvadashar Naychakra ka Darshanik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJitendra B Shah
PublisherShrutratnakar Ahmedabad
Publication Year2008
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Epistemology
File Size11 MB
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