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________________ D धर्मकथानुयोग--उन विशिष्ट पुरुषों की जीवन-कथा, चरित्र तथा साधना का वर्णना त्मक संकलन है, जिनके जीवन में धर्म साकार रूप में प्रतिष्ठित हुआ। तप, त्याग, ध्यान, तितिक्षा, सेवा, समता, करुणा एवं निष्पृहता आदि उत्तम गुण जिनके चरित्र में प्रतिबिम्बित थे। 0 जैन आगमों में यत्र-तत्र विकीर्ण रूप से ऐसे सैकड़ों चरित्र अंकित हैं, जिनका अध्ययन-अनुशीलन करने के लिए पाठक को अनेक आगमों का अनुसंधान करना पड़ता है, जो बहुत ही दुरूह और दुःशक्य कार्य है। 0 आगम-गत उन समस्त चरित्रों का वर्गीकरण कर एकत्रपुस्तकाकार प्रकाशित करने की यह योजना-धर्मकथानुयोग नाम से पाठकों के हाथों में प्रस्तुत है। o आगम अनुयोग का यह दुरूह, अत्यधिक श्रमसाध्य, मानसिक एकाग्रता तथा बौद्धिक परिश्रम का कार्य करने में संकल्पशील है— ज्ञानयोगी मुनि श्री कन्हैया लाल जी म० "कमल" / 9 मनि श्री जैन आगम, टीका, चणि भाष्य, आदि के गहन अभ्यासी, शोधन तथा विवेचना में अत्यन्त सदक्ष हैं। सम्यग् ज्ञानाराधना ही आपके जीवन का विशिष्ट एक लक्ष्य है / आगमों की प्राचीन अनुयोग शैली को वर्तमान में सर्व सुलभ करने हेतु आप श्री धर्मकथानुयोग (प्रस्तुत,) गणितानुयोग (प्रकाशित), द्रव्यानुयोग (कार्याधीन) एवं चरणानुयोग (कार्याधीन) में क्रमशः समस्त आगम साहित्य को नवीन शैली में प्रस्तुत करने हेतु अहर्निश संलग्न हैं / इस महान् कार्य में सहयोगी हैं-सुप्रसिद्ध मनीषी, भारतीय तत्वविद्या के गहन अभ्यासी श्री दलसुखभाई मालवणिया, जिनको विद्वत्ता, तटस्थ दृष्टि तथा मौलिक सूझ-बूझ देश-विदेश में सुविख्यात है। 0 आगम अनुयोग ट्रस्ट, अहमदाबाद (पंजीकृत) इस महान ज्ञानराशि को प्रकाशित, मुद्रित कर अल्प मूल्य में जिज्ञासुजनों को सुलभ कराने के लिए प्रयत्नशील है / 0 यदि पाठक एक-एक स्वतन्त्र ग्रन्थ खरीदे तो सम्भवतः यह पूरा सेट १२००/-रुपये या १५००/-रुपये मूल्य से भी मंहगा पड़ेगा। किन्तु आगम अनुयोग ट्रस्ट ने उन जिज्ञासुओं को कम मूल्य में सुलभता से प्राप्त कराने के लिए अग्रिम सदस्यता योजना बनाई है। ५००/-रुपए देकर जो व्यक्ति सदस्यता ग्रहण करेंगे उनको क्रमश: प्रकाशित होने वाले सभी आगम ग्रन्थ नि:शुल्क दिये जायेंगे / हिन्दी, गुजराती तथा अंग्रेजी-तीन भाषाओं में अलग-अलग अनुवाद के साथ प्रकाशित होने वाले किसी भी भाषा का एक सेट, आप अपनी रुचि के अनुसार सरक्षित कर सकते हैं। सम्पर्क करें:आगम अनुयोग ट्रस्ट मन्त्री-श्री हिम्मतलाल एस० शाह अमर निवास, सोहराबजी कम्पाउण्ड वाड़ज, अहमदाबाद--१३ कलांक एवं आवरण पृष्ठ के मुद्रकः 'कुलदीप प्रेस' आगरा
SR No.001954
Book TitleDhammakahanuogo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year
Total Pages810
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Story, Literature, & agam_related_other_literature
File Size20 MB
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