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________________ १९ २० धर्मकथानुयोग-विषय-सूची १८ आर्द्धक का अन्यतीर्थिक के साथ वाद २१ १३ १४ ईशानेन्द्र की स्थिति और महाविदेह में सिद्धी तदनन्तर असुर कुमार ईशानेन्द्र की आज्ञा मानने लगे ५ १ भ. महावीर की जीवनचर्या के सम्बन्ध में गोशालक का आक्षेप २ आर्द्रक का उत्तर ३ गोशालक ने कहा शीतोदग आदिके सेवन में पाप नहीं है। ४ आर्द्रक का उत्तर ६ ७ ८ ९ महावीर वणिक जैसा है- गोशालक का आक्षेप आर्द्रक का उत्तर वाद करने वालों की परस्पर (एक दूसरे की ) निन्दा करते हो । गोशालक का आक्षेप आर्द्रक का उत्तर मेधावी पुरुषों के प्रश्नों के भय से महावीर आरामगृह में नहीं ठहरता है । गोशालक का आक्षेप आर्द्रक का उत्तर १० ११ बुद्ध भिक्षुओं की हिंसा-अहिंसा के विषय में वादियों का मत १२ आर्द्रक का उत्तर १३ १४ १५ १६ १७ १८ म. महावीर के तीर्थ में अतिमुक्त कुमार भ्रमण १ पोलासपुर के राजा का पुत्र अतिमुक्त कुमार २ गौतम की भिक्षाचर्या ३ गौतम और अतिमुक्त कुमार का संवाद ४ अतिमुक्त कुमार की प्रव्रज्या ५ 9 ८ ९ स्नातकों को भोजन कराने से पुष्पार्जन होता है यह वेदवादियों का मत है आर्द्रक का उत्तर सांख्य परिव्राजकों के अव्यक्त पुरुष सम्बन्धि मन्तव्य आर्द्रक का उत्तर हस्ति तापसों के अभिप्रायका निरुपण आर्द्रक का उत्तर अतिमुक्त कुमार श्रमण की क्रीड़ा म. महावीर के तीर्थ में अलक्षराजय अलक्षराजा की प्रव्रज्या १ भ. महावीर के तीर्थ में मेघकुमार मण १ राजगृह में श्रेणिक राजा २ (१५) श्रेणिक-भार्या धारिणी धारिणी का स्वप्न-दर्शन ३ ४ श्रेणिक को स्वप्न- निवेदन ५ श्रेणिक ने स्वप्न की महिमा कही ६ धारिणी की स्वप्न - जागरणा स्वप्नपाठकों को निमंत्रण दिया श्रेणिक ने स्वप्न फल पूछा स्वप्न फल कथन १. सूत्रांक लगाना छूट गया है। Jain Education International For Private & Personal Use Only सूत्रांक २७४ २७५ २७६-२८३ २७६ २७७ २७८ २७९ २८० २८१ २८२ २८३ ―― २८४-२८९ २८४ २८५ २८६ २८७ २८८-२८९ २९० २९१-३७६ २९२ २९२ २९३ २९४ २९५ २९६ २९७ २९८ २९९ geste ६३ ६३ ६४-६६ ६४ ६४ ६४ ६४ ६४ ६४ ६४ ६४ ६४ ६५ ६५ ६५ ६५ ६५ ६५ ६६ ६६ ६६ ६६-६८ ६६ ६६ ६६-६७ u ६७ ६८ V ६९ ६९-९२ ६९ ६९ ६९-७० ७० ७० ७० ७०-७१ ७१ ७१ www.jainelibrary.org
SR No.001954
Book TitleDhammakahanuogo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year
Total Pages810
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Story, Literature, & agam_related_other_literature
File Size20 MB
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