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________________ (१३) अध्ययन संख्या सूत्र संख्या ६४० ६५६ स्कन्ध संख्या प्रथम स्कन्ध द्वितीय स्कन्ध तृतीय स्कन्ध चतुर्थ स्कन्ध पंचम स्कन्ध षष्ठ स्कन्ध २९५ ३६१ अध्ययन अध्ययन ११४ २४२५ पहले स्कन्ध के इग्यारह अध्ययनों का विषय निर्देश: प्रारम्भ पृष्ठांक समाप्त पृष्ठांक अध्ययन पृष्ठ पहला अध्ययन कुलकरों का संक्षिप्त वर्णन दूसरा अध्ययन ऋषभ चरित्र तीसरा अध्ययन मल्ली भगवति चरित्र चौथा अध्ययन अरिष्ठनेमि चरित्र पाँचवाँ पार्श्व चरित्र छठा अध्ययन महावीर चरित्र सातवाँ पद्म चरित्र आठवाँ अध्ययन तीर्थकर सामान्य नौंवाँ अध्ययन .. भरत चक्रवर्ती चरित्र दसवाँ अध्ययन चक्रवर्ती सामान्य १३८ इग्यारहवाँ अध्ययन बलदेव-वासुदेव आदि सामान्य दूसरे स्कन्ध के सैतालीस अध्ययनों का विषय-निर्देश :-- (क) पहले अध्ययन में भ० विमलनाथ के तीर्थ में हुए श्रमणों के कथानक पृ० ३ से ११ पर्यन्त । (ख) दूसरे और तीसरे अध्ययन में भ० मुनिसुव्रत के तीर्थ में हुए श्रमणों के कथानक पृ० १२ से १६ पर्यन्त । (ग) चौथे अध्ययन से बारहवें अध्ययन पर्यन्त भ० अरिष्टनेमि के तीर्थ में हुए श्रमणों के कथानक पृ० १७ से ४८ पर्यन्त । (घ) तेरहवें और चौदहवें अध्ययन में भ० पार्श्वनाथ के तीर्थ में हुए श्रमणों के कथानक पृ० ४९ से ५५ पर्यन्त । (ङ) पन्द्रहवें अध्ययन से सैतालीसवें अध्ययन पर्यन्त भ. महावीर के तीर्थ में हुए श्रमणों के कथानक पृ० ५५ से १७५ पर्यन्त । तीसरे स्कन्ध के नो अध्ययनों का विषय-निर्देश :-- (क) पहले और दूसरे अध्ययन में भ० अरिष्टनेमि के तीर्थ में हुई श्रमणियों के कथानक पृ० १७९ से २११ पर्यन्त । (ख) तृतीय अध्ययन में पोट्टिला श्रमणी का कथानक पृ० २११ से २१८ पर्यन्त । (ग) चौथे अध्ययन से सातवें अध्ययन पर्यन्त भ० पार्श्वनाथ के तीर्थ में हुई श्रमणियों के कथानक पृ० २१९ से २३३ पर्यन्त (घ) आठवें और नोवें अध्ययन में भ० महावीर के तीर्थ में हुई श्रमणियों के कथानक पृ० २३३ से २३९ पर्यन्त । १४२ १४४ १. यह सूत्र संख्या संकलनकर्ता ने अपनी ओर से दी है। २. जैनागमों में तीर्थकरों से सम्बन्धित विकीर्ण सूत्रों का संकलन एवं वर्गीकरण। ३. जैनागमों में चक्रवतियों से सम्बन्धित विकीर्ण सूत्रों का संकलन एवं वर्गीकरण । ४. जैनागमों में बलदेव, वासुदेव और प्रतिवासुदेवों आदि से सम्बन्धित सूत्रों का संकलन एवं वर्गीकरण। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001954
Book TitleDhammakahanuogo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year
Total Pages810
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Story, Literature, & agam_related_other_literature
File Size20 MB
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