________________ परि. 19 : शब्दार्थ 339 वज्ज-वर्ण्य। वज्जणिज्ज-वर्जनीय। 270 वट्टमाण-वर्तमान। 204 वडग-दाल आदि का बड़ा। 305 वडित-वर्धित, बढ़ा हुआ। 80/2 वणसइकाय-वनस्पतिकाय। वणसंड-वनखण्ड। 236/1 वणि-वणिक् / 89/1 वणिय-वणिक्। 69/1 वणीम-वनीपक, श्रमण का एक प्रकार। 208 वणीमग-वनीपक, भिक्षा का एक दोष। 195 वण्ण-वर्ण। वण्णग-चन्दन आदि सुगंधित द्रव्य। 141 वतिक्कम-व्यतिक्रम। 82 वत्तव्व-वक्तव्य। 181/1 वत्थ-वस्त्र। 227/1 वत्थव्व-वास्तव्य, निवासी। 199 वत्थि-वस्ति, दृति। 28 वय-१. व्रत, 136/6, 2. व्यय, 179/1, 3. अवस्था / 198/5 वयण-१. वदन, मुख, 305, 2. वचन। 200 वराडय-कपर्दक। वलय-मोड़ने वाला। 143/2 वलया-समुद्री लहर, समुद्री तट। 302/3 वलवा-घोड़ी। 205 वलिय-भुक्त। 108/2 वल्ल-काली उड़द, निष्पाव। 108/1 वल्लभत्त-प्रियता। 217 ववहार-न्याय। 180 ववहारनय-व्यवहारनय। ववहारिय-व्यावहारिक। वसही-वसति। 119 वसिकरण-वशीकरण, वश में करने की विद्या। 231 वसिय-रहा हुआ। 207/1 वहण-वध। 68/9 वाइय-वाचिक। 68/11 वाउ-वायुकाय। 8,20,26, 28,258 वाघात-व्याघात। 219/13 वाडग-मुहल्ला। 156 वाणियग-वणिक्, बनिया। 89/2 वात-वायु / 313/2 वादि-वाद करने वाला। 143/3 वाम-उल्टा। 253/3 वाय-१. वात, वायु, 54, 2. वाद। 143 वायणायरिय-वाचनाचार्य। 143/3 वारग-लघु घट। 127 वालचिय-लोमश पुरुष। 194/1 वालुंक-पक्वान्न विशेष। 305 वास-१. वर्षाकाल, चातुर्मासकाल, 142/1, 2. वर्षा। वासघर-शयनगृह। 57/2 विंट-वृन्त, फल का बंधन। विकत्थणा-प्रशंसा। 69/4 विकप्प-विकल्प। 198/4 विकोवण-विस्तृत रूप से प्रकट करना। 47 विक्कय-विक्रय। 163 विगडंत-आचार्य के समक्ष आलोचना करते हुए। 240/3 विगड-जिसको समझना कठिन हो। 50 विगड-देश विशेष में प्रसिद्ध मदिरा। 103 17 16 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org