________________ 340 पिंडनियुक्ति 253 45 87 विगडपाद-विकटपाद, दोनों पैरों में अंतराल वाला। 198/15 विगिंचण-विवेक करना। 220/2 विग्घ-विघ्न। 198/9 विचेल-वस्त्र रहित। 219/13 विच्छोडित-अंगुलि आदि से साफ किया हुआ। 125 विज्ज-वैद्य। 313 विज्जा-विद्या। 217 विज्जु-विद्युत्। 24 विज्झात-बाहर से बुझी हुई अग्नि। 252 विणासित-विनष्ट। 91/4 विण्णेय-विज्ञेय, जानना चाहिए। वित्थर-विस्तार। 207/4 विप्पजढ-त्यक्त। 31 विप्पुस-कण, बिंदु। विभासितव्व-कथन योग्य। 69 विभूसित-विभूषित। 69/3 विमुक्क-विमुक्त। 68/11 विमुत्त-अमूर्त। 41/1 विम्हय–विस्मय, आश्चर्य। 231/4 वियणा-वेदना। 228/1 वियालण-विचारणा। 288/1 विरह-एकान्त। 219/12 विलक्ख-लज्जा सहित। 89/8 विलिय-लज्जित, उदासीन। 136/3 विलुक्क-मुण्डित सिर या लुप्त केश वाला। 136 विवज्ज–छोड़कर, परित्याग करके। 274 विवत्ति-विपत्ति। 219/8 विस-विष। 13 विसग्ग-छोड़ना। 91/3 विसघातिय-विषघातिक। विसज्ज-छोड़ना। 144/3 विसय-१. शब्द आदि इंद्रिय-विषय, 96/2, 2. ज्ञेय पदार्थ। 204 विसरिस-विसदृश, असमान। 73/5 विसारण-फल, फूल आदि के टुकड़ों को सुखाने के लिए धूप में रखना। 283 विसाल-विशाल। विसिट्ठ-विशिष्ट। 101 विसेस-विशेष। 290 विसेसित-विशेषण युक्त किया हुआ, भेदित। 73/4 विसोहि-विशोधि। 324 विसोहिकोडि-विशोधिकोटि, भिक्षा का एक दोष, जिस दोष वाले आहार का त्याग करने पर शेष भिक्षा या भिक्षा-पात्र विशुद्ध हो जाए। 189 विहवा-विधवा। 222/2 विहि-विधि। 72 विहिय-विहित। 194/2 विहूण-विहीन, रहित। 80/5 वीत-रहित। 316 वीवाह-विवाह। 219/11 वीसु-अलग। 73/13 वुक्कंत-व्युत्क्रान्त। 12 वुड्ड-वृद्ध। 265 वुड्डि-वृद्धि। 144/2 वुत्त-उक्त, कहा गया। 179 वेज्ज-वैद्य। 34 वेण्ण-इस नाम का द्वीप। 231/2 वेद-ग्रंथ। 86/2 वेदण-वेदना। 318 वेयावच्च-वैयावृत्त्य। 318 123 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org