________________ परि. 19 : शब्दार्थ 323 3/1 76/3 76 कवोड-कपोत। 136 कहण-कथन। 76 कहा-वार्ता। 251/1 कहित-कथित। 203 काग-काक, कौआ। 212 काण-आंख से काना। 219/10 कामगद्दभ-मैथुन में अत्यधिक आसक्त। 209/1 काय-कापोती, कांवड। 61/1 किंकर-किंकर, एक प्रकार का महिला प्रधान व्यक्ति। 219/6 किट्ठ-कृष्ट, हल से विदारित भूमि। 11 किड्डा-क्रीड़ा। 57/2 किणाइ-किञ्चित् मात्र। 173 कित्ति-कीर्ति। किलेस-क्लेश। 83/5 किवण-कृपण / 210/2 किविण - कृपण / 208/1 किस-कृश। 136/1 किसि-कृषि, खेती। 207 कीतगड-क्रीतकृत, भिक्षा का 139, एक दोष। 142 कीलावणधाई-क्रीड़ा कराने वाली धाय। 197 कुउब-कुतुप, तैल भरने का बर्तन। 255 कुक्कुड-माया / 136/6 कुच्छा -कुत्सा / 73/6 कुच्छि-कुक्षि, उदर। 168 कुट्ठी-कुष्ठ रोग से युक्त / 288/4 कुड-घट। 166/2 कुडुंब-कुटुम्ब। 61/1 कुड्ड-भीत, दीवार / 137 कुणिम-मांस। 86 कुम्मास-कुल्माष, उड़द। कुरंग-मृग। कुलय-कुलक, माप विशेष। कुसण-दही और चावल से बना हुआ करम्बा। 291 कूड-जाल। 67/3 कूर-क्रूर, धान्य। कूल-नदी का किनारा। 231/4 कूविय-कूजक, चोर की खोज करने वाला। 68/7 केलास-कैलाश पर्वत। 210/5 केवलनाण-केवलज्ञान। 90/4 केवलि-केवलज्ञानी, कैवल्य प्राप्त। 239/1 कोडि-कोटि, अंश, विभाग। 192/7 कोद्दव-कोद्रव। कोप्पर-कोहनी, हाथ का मध्य भाग। 198/7 कोल-बदर, बैर। 284 कोल्लइर-कोल्लकिर नगर विशेष। 199 कोसलग-कौशल देश। 295/7 कोह-क्रोध। 44/4 कोहपिंड-भिक्षा का एक दोष। 217 खइय-१. क्षायिक (भाव), 73/21, 2. खाया हुआ। 86 खउरिय-कलुषित। 136/1 खंड-खांड। 129 खंत-पिता। 201/3 खंतिग-पिता। 272 खंतिया-माता। 201/3 खंती-माता। 201/2 खंध-१. समूह, 41/2, 2. कंधा। 61/1 खग्गूड-कुटिल। 146 खणि-खजाना। 96/2 खत्त-करीष। 12 खद्ध-प्रचुर। 220 89/5 53 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org