________________ 322 पिंडनियुक्ति 63 21 94/1 32 ओगाहिम-पक्वान्न। 251/3 ओतरण-अवतरण। ओदण-धान्य। 296 ओभावण-अपभ्राजना। ओभासिय-याचित। 219/3 ओम-१. अवम, कम, 311, 2. दुर्भिक्ष / ओतरण-अवतरण। 169 ओय-तीन, पांच आदि विषम संख्या। 299 ओरस्स-हृदय से उत्पन्न, आंतरिक। 217 ओराल-औदारिक। 62 ओलित्त-अवलिप्त, लीपा हुआ। 163/1 ओवत्तण-उल्टा करना, टेढ़ा करना। 285 ओसक्कण-नियत काल से पूर्व। 131 ओसक्कित-नियत काल से पूर्व किया हुआ। 135/1 ओसध-औषध। ओसरण-साधु-समुदाय। 134 ओसवित-उपशान्त / 148/2 ओसहि-औषधि। 57/1 ओह-सामान्य / 239/1 ओहार -कछुआ। कंगु-कोद्रव धान्य। 297 कंजिय-कांजी। 191 कंडग-कण्डक, संयमश्रेणि विशेष। 64 कंडित-चावल आदि साफ-सुथरे किए हुए। कंस-कांस्य। 156 कक्कडिय-ककड़ी। 78 कक्कब -इक्षु रस का विकार। 129 कक्खड-कर्कश, कठोर। 198/15 कच्छभ-कछुआ। 259 कज्ज-कार्य। कदर-घी के बड़े से युक्त तीमन। 295/8 कट्ठ-काष्ठ। कट्ठकम्म-काष्ठकर्म। कड-चटाई। 70/3 कडि -कटि, कमर। 198/15 कड्डण-कर्षण, वस्त्र आदि खींचना। 180 कढिय-कढ़ी / 297 कणग-कनक, सोना। 194/2 कणिट्ठ-कनिष्ठ, छोटा। 231/11 कण्ण-बर्तन के मुख का किनारा। 252/2 कण्हा - कृष्णा नामक नदी। 231/2 कत्तण -सूत कातना। 288/6 कत्ता-करने वाला, कर्ता। 80/2 कत्तोच्चय-कहां से उत्पन्न। 89/1 कद्दम-कीचड़। 113/2 कप्प-कल्प। कप्पट्टय-बालका 133 कप्पट्टी-बालिका। 131 कप्पडिय-कार्पटिक संन्यासी। 69/3 कप्पित-आहरण का एक भेद। 302/1 कम-क्रम। कमबद्ध-पैरों में बेड़ी पहना हुआ। 288/4 कम्मणकारि- मंत्र आदि के द्वारा कामण-वशीकरण करने वाला। 228 कय-क्रय। 163 कर-१. हाथ, 161, 2. चुंगी। 57/1 करग –ओला। करडुय-मृतक भोज। 218/1 करभी-ऊंटनी। 86/2 करीस-करीष, गोबर का छाना। 125 कल-धान्य, मटर। 296 कलुण-करुण, कृपापात्र। 177 कल्लाण-प्रायश्चित्त विशेष। 22/6 कवाड-कपाट। 162 68 154 80 16 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org