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________________ XXVIII : हेम प्राकृत व्याकरण क्रमांक विषय १ ४ ५ v. o. a. av. a. ९ •2. 5. w. 2.2.0. १५ २.१ 2. w. २२ २३ २७ २८ २९ ३० वीप्सात्मक शब्दों के संबंध में प्रत्यय- लोप - विधि प्राकृत भाषा के अकारान्त पुल्लिंग-शब्दों के संबंध में विभक्ति - बोधक-प्रत्ययों का संविधान प्राकृत भाषा के इकारान्त-उकारान्त पुल्लिंग शब्दों के संबंध में विभक्ति-बोधक प्रत्ययों का संविधान प्राकृत-व्याकरण सूत्रानुसार- विषयानुक्रमणिका तृतीय पादः प्राकृत भाषा के नपुंसकलिंग वाले शब्दों के संबंध में विभक्ति-बोधक प्रत्ययों का संविधान प्राकृत भाषा के स्त्रीलिंग वाले आकारान्त, इकारान्त, ईकारान्त, उकारान्त और ऊकारान्त शब्दों के संबंध में विभक्ति-बोधक-प्रत्ययों का संविधान प्राकृत भाषा के शब्दों के संबोधन के एकवचन में प्राप्तव्य - रूप- विवेचना क्विबन्त शब्दों में विभक्ति-बोधक प्रत्ययों की संयोजना होने पर अन्त्य स्वर को हस्वत्व - प्राप्ति का विधान 'इदम् " शब्द के संबंध में विभक्ति-बोधक-प्रत्ययों का संविधान 'अदस् " शब्द के संबंध में विभक्ति-बोधक-प्रत्ययों का संविधान " युष्मद् " सर्वनाम शब्द के प्राकृत भाषा में आदेश - प्राप्त रूप-समूह 'अस्मद्' सर्वनाम शब्द के प्राकृत भाषा में आदेश प्राप्त रूप-समूह संख्या-वाचक शब्दों के प्राकृत रूपान्तर में विभक्ति-बोधक-प्रत्ययों का संविधान अवशिष्ट शब्द-रूपावलि के संबंध में विशेष विवरण 44 ४३ ४४ से ४८ ४९ से ५५ ५६ से ५७ प्राकृत भाषा के ऋकारान्त शब्दों संबंध में विभक्ति-बोधक प्रत्ययों का संविधान "राजन्" शब्द के प्राकृत- रूपान्तर में विभक्ति बोधक-प्रत्ययों का संविधान हलन्त नकारान्त संस्कृत शब्दों के प्राकृत रूपान्तर में विभक्ति बोधक प्रत्ययों का संविधान अकारान्त सर्वनामों के प्राकृत रूपान्तर में विभक्ति बोधक प्रत्ययों का संविधान "किम्, तद्, यद्, एतद् और इदम् " सर्वनामों के प्राकृत रूपान्तर में विभक्तिबोधक - प्रत्ययों ६२ से ७१, का संविधान ५८ से ६१ से८६ द्विवचन के स्थान पर बहुवचन की संप्राप्ति का संविधान चतुर्थी विभक्ति के स्थान पर षष्ठी विभक्ति की संप्राप्ति का निरूपण विभिन्न विभक्तियों की परस्पर में व्यत्यय-प्राप्ति तथा स्थानापन्नता का संविधान संज्ञाओं से क्रिया-रूप बनाने की विधि का निर्देश वर्तमान-काल में तीनों पुरूषों के दोनों वचनों में धातुओं में प्राप्तव्य प्रत्ययों का संविधान संस्कृत धातु " अस् " की प्राकृत भाषा में रूप - व्यवस्था प्रेरणार्थक क्रियापद के रूपों का संविधान अकारान्त धातुओं के अन्त्य "अ" के स्थान पर काल-बोधक प्रत्ययों की संप्राप्ति होने पर "आ" अथवा "इ" अथवा "ए" की प्राप्ति का निरूपण 44 'कर्मणि-प्रयोग, भावे प्रयोग' विधि से संबंधित प्रत्ययों का संविधान भूतकाल - विधि से संबंधित प्रत्ययों का संविधान संस्कृत धातु " अस" के भूत-कालीन रूपों का संविधान "विधि- आत्मक" विधि से संबंधित प्रत्ययों का संविधान Jain Education International For Private & Personal Use Only सूत्रांक पृष्ठांक १ १ २ से १५ २ १६ से २४ २५ से २६ २७ से ३६ ३७ से ४२ ८० ७२ से ७९ ८७ से ८९ ९० से १०४ १०५ से ११७ ११८ से १२३ १२९ १३० १३१ १३२ से १३७ १२४ १३८ १३९ से १४५ १४६ से १४८ १४९ से १५३ १५४ से १५५ १६० से १६१ १६२ से १६३ १६४ १६५ ८ २६ ३० ४७ ४३ ५४ ६४ ७१ ८२ ८९ १०० ११२ ११७ १२५ १३३ १३९ १४८ १५० १५१ १५९ १६१ १७० १७६ १८४ १९२ १९६ १९९ २०० www.jainelibrary.org
SR No.001943
Book TitlePrakrit Vyakaranam Part 2
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorSuresh Sisodiya
PublisherAgam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan
Publication Year2006
Total Pages434
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size11 MB
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