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420 : प्राकृत व्याकरण
हरे
हुत्तं
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हरिअंदो पु.. (हरिश्चन्द्रः) हरिश्चन्द्र नामक राजा, २-८७) हिअं वि (हदम्) हरण किया हुआ, चुराया हुआ; १-१३६। हरिआलो पु. (हरिताल;) हरताल, वस्तु विशेष; २-१२१॥ हिअअं न (हृदयम्) हृदय; १-१२८, २-२०४ । हरिसो पु. (हर्षः) सुख, आनन्द, प्रमोद, खुशी; २-१०५। . हित्थं वि (त्रस्तम्) त्रस्त, भयभीत डरा हुआ; २-१३६।
अ (अरे !) तिरस्कार, निन्दा, संभाषण, रति कलह हिर अ (किल) सम्भावना, निश्चय, पादपूर्त्ति अर्थक अर्थक अव्यय; २-२०२।
अव्यय; २-१८६। पु. (हरः) महादेव, शंकर, शिव; १-५१।
हिरिओ वि. (हीतः) लज्जित; २-१०४। हलद्दा हलद्दी स्त्री. (हरिद्रा) हल्दी, औषधि-विशेष; १-८८५ हिरी स्त्री. (ह्रीः) लज्जा; शरम; २-१०४। हला अ (हला) सखी को आमंत्रण करने के अर्थ में प्रयुक्त ही अ. (आश्चर्यादौ निपातः) आश्चर्य आदि अर्थक होने वाला अव्यय; २-१९५।
अव्यय; २-२१७। हलिआरा पु. (हरितालः); वस्तु विशेष; २-१२१ ॥
हीरो पु. (हरः) महादेव, शंकर, १-५१॥ हलिओ पु. (हालिकः) हल जोतने वाला; १-६७।
अ. (खलू) निश्चय, तर्क, वितर्क, संशय, सम्भावना, हलिदो पु. (हारिद्रः) वृक्ष-विशेष; १-२५४।
विस्मय आदि अर्थक अव्यय; २-१९८१ हलिद्दा स्त्री (हरिद्रा) औषधि-विशेष, हल्दी; १-८८|
विधि अक. (भव, भवतात्) तू हो; २-१८०१ हलिद्दी स्त्री (हरिद्रा) औषधि विशेष हल्दी; १-८८, २५४।।
वि. (हूतम्) होमा हुआ, हवन किया हुआ; २-९९। हलुअं वि (लघुकम्) छोटा, हल्का २-१२२।।
प्रत्यय (कृत्वस् अर्थक) (अमुक) वार, दफा अर्थक हले अ (सखी-आमंत्रण) हे सखि! सखी के सम्बोधनार्थक
प्रत्यय; २-१५८ अव्यय; २-१९५।
अ. (दान पृच्छा निवारणे निपातः) दान, पूंछना, हल्लफल देशज (?)२-२-१७४।
निवारण करना अर्थक अव्यय; २-१९७। हस् (धातु) हंसना।
वि. (हूतम्) होमा हुआ, हवन किया हुआ; २-९९। हसइ अक. (हसति) वह हंसता है; २-१९५।
वि. (हीनः) न्यून, अपूर्ण; १-१०३। ऊहसिअं ओहसिअं, उवहसि वि न (उपहसितम्) हंसी हे। अ (निपात विशेषः) सम्बोधन, आह्वान, ईर्ष्या आदि किया हुआ, हंसाया हुआ, १-१७३।
अर्थक अव्यय; २-२१७। हसिरो वि (हसनशील:) हास्य कर्ता, हंसने की आदत वाला; हे, अ. (अदस्) नीचे; २-१४१।। २-१४५।
हेटिल्लं वि (अधस्तनम्) नीचे का; २-१॥ हा अ (हा) विषाद-खेद अर्थक अव्यय: १-६७:२-१७८, हो । अ. (हो) विस्मय, आश्चर्य, संबोधन, आमंत्रण अर्थक १९२,२१७/
अव्यय; २-२१७। हीणो वि (हीनः) न्यून रहित, हल्की श्रेणी का; १-१०३। होइ अक. (भवति) वह होता है; १-९, २-२०६। हीणं वि (हीनम्:) न्यून रहित, हल्की श्रेणी का; १-१०४। होही अ. (भविष्यति) होगी; २-१८०। हूणो वि (होनः) न्यून रहित, हल्की श्रेणी का; १-१०३। पहीण वि (प्रहीण) नष्ट हुआ, १-१०३। विहीणो विहूणो, वि. (विहीनः) रहित; १-१०३। हालिओ पु. (हालिकः) हल जोतने वाला; १-६७। हाहा अ. (हाहा) विलाप, हाहाकार, शोकध्वनि अर्थक
अव्यय; २-२१७। हिअअं न (हदयम्) अन्तःकरण, हृदय;मन; १-१२८|
हिअयं न (हदयम्) अन्तः करण, हृदय, मन; १-२६९; २-२०४। हिअय न. (हृदय), हदय, २-२०१॥ हिअयए न. (हदयके) हृदय में; २-१६४। हिअए न (हदये) हृदय में, अंत:करण में, मन में; १-१९९। (खर) हिअओ वि (खर-हृदयः) कठोर हृदय वाला, निर्दय; २-१८६। हिअस्स वि (हदयस्स) हृदय वाले का; १-२६९।
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