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परिशिष्ट-भाग : 403
पिउल्लओ पिउवई पिउवणं पिउसिआ
पुधं
पिउहरं पिक्कं पिच्छि पिच्छी पिजरयं
पिटुं
पिट्टि
पुरओ
पिट्ठी
पुरिमं
पिढरो पिण्डं पि, पियइ पिलुटुं पिलोसो पिव
वि (पुनरूक्तम्) फिर से कहा हुआ; २-१७९। अ (पुनः) फिर से; १-६५/ वि (पुण्यवान्) पुण्यवाला, भाग्यवाला; १-१५९। अ (पुनः) फिर से; २-१७४। अ (पृथक्) अलग, जुदा १-१८८ न (पुन्नागानि) पुन्नाग के फूल- (फूलों को); १-१९०१ न (पुष्पत्वम्) पुष्पपना; फूल पना; २-१५४। पुप्फत्त न (पुष्पत्वम्) पुष्पपना, फूल पना; २-१५४। न (पुष्पम्) फूल; कुसुम; १-२३६, २-५३, ९०। स्त्री (पुष्पत्वम्) पुष्पपना, फूलपना; २-१५४ । अ (पुरतः) आगे से, पहले से; १-३७/ पु (पुरन्दरः) इन्द्र, देवराज, गन्ध द्रव्य विशेष; १-१७७) स्त्री (पुर) नगरी; शहर; १-१६/ न (पूर्वम्) पहिले, काल-मान विशेष; २-१३५। वि (पूर्वभवं) पहिले होने वाला; पूर्ववर्ती; २-१६३। वि (पुरो) पहिले, २-१६४। पु (पुरूषः) पुरूष व्यक्ति; १-४२, ९१, १११; २-१८५। पु (पुरूषाः) पुरूष, व्यक्ति; २-२०२। न (पुराकर्म) पहिले के कर्मः १-५७। सक (पश्य) देखो; २-२११। पु (पुलक) रोमाञ्च को; २-२०४। स्त्री (पौलोमी) इन्द्राणी; १-१६० पु (पुर्वाह्नः) दिन का पूर्व भाग; १-६७; २-७५। न (पूर्वम्) पहिले; काल मान-विशेष; २-१३५ पु (पूर्वाह्नः) दिन का पूर्व भाग; १-६७। स्त्री (पृथिवी) पृथ्वी, धरती, भूमि; १-८८, १३१ । अ (पृथक्) अलग, जुदा; १-१३७, १८८। स्त्री (पृथिवी) पृथ्वी, धरती, भूमि; १-२१६। पु (पृथ्वीशः) राजा, पृथ्वी पति; १-६। स्त्री (पृथिवी) पृथ्वी, धरती, १-१३१; २-११३ पु (पुष्यः) पुष्य नक्षत्र, १-४३। स्त्री (पेया) पीने योग्य वस्तु-विशेष; यवागू; १-२४८ न (पीयूषम्) अमृत, सुधा; १-१०५।
पुरिसो
पु (पितृकः) पिता से सम्बन्धित; २-१६४। पुणरूत्तं पु (पितृ पतिः) यम, यमराज; १-१३४। पुणाइ न (पितृवनम्) पिता का वन; १-१३४।
पुण्णमन्तो स्त्री (पितृष्वसा) पिता की बहन; १-१३४; पुणो २-१४२। न (पितृगृहम्) पिता का घर; १-१३४॥
पुन्नामाई विन (पक्वम्) पक्का हुआ; १-४७; २-७९। स्त्री (पृथ्वीम्) पृथ्वी को; २-१|
पुप्फत्तणं स्त्री (पृथ्वी) पृथ्वी; १-१२८, २-१५/
पुप्फत्तणं वि (पिञ्जरकम्) पीले रंग वाला; २-१६४। न (पृष्ठम्) पीठ; १-३५; विन (पिष्ट) पीसा हुआ; । १-८५।
पुप्फिमा स्त्री (पृष्ठम्) पीठ; १-१२९॥ स्त्री (पृष्ठम्) पीठ, शरीर के पीछे का भाग; पुरंदरो १-३५,१२९॥ पु (पिठरः) मन्थान-दण्ड, मथनिया; १-२०१। पुरा न (पिण्डम्) समूह, संघात; १-८५। अ (पृथक्) अलग; १-१८८।।
पुरिल्लं सक (पिवति) वह पीता है; १-१८०।
पुरिल्लो वि (प्लुष्टम्) दग्ध; जला हुआ; २-१०६ । पु (प्लोषः) दाह, जलन; २-१०६। अ (इव) उपमा, सादृश्य, तुलना, उत्प्रेक्षा; पुरिसा २-१८२।
पुरेकम्म पु(पिशाचः) पिशाच, व्यन्तर देवों की एक जाति; पुलअ १-१९३।
पुलयं पु (पिशाच) पिशाच, व्यन्तर देवों की एक जाति; पुलोमी १-१९३।
पुव्वण्हो वि (पिशाची) भूताविष्ट; भूत आदि से घिराया पुव्वं हुआ; १-१७७।
पुव्वण्हो पु (पिठरः) मन्थान-दंड, मथनिया; १-२०१। पुहई अ (पृथक्) अलग, जुदा; १-२४, १३७, १८८। पुहं पीअलं वि (पीतम्) पीत वर्ण वाला, पीला; पुहवी १-२१३,२-१७३। वि (पीडितम्) पीड़ा से अभिभूत, दुखित, दबाया पुहुवी हुआ; १-२०३।
पूसो न (पीठम्) आसन, पीढा; १-१०६ ।
पेआ पोणत्तं वि (पीनत्वम्) मोटापन, मोटाई; २-१५४। पीणया वि दे (पीनता) मोटापन, मोटाई; २-१५४। पेऊसं वि (पीनत्वम्) मोटापन, मोटाई; २-१५४। पेच्छवि (पीतम्) पीत वर्ण वाला, पीला; १-२१३; २-१७३। न (पुच्छम्) पूंछ; १-२६। पु (पुंजाः ) ढंग, राशि, ढेर; १-१६६। वि (पृष्ठः) पूछा हुआ; २-३४। वि (स्पृष्टः) छुआ हुआ; १-१३१। वि (प्रथमम्) पहला; १-५५॥ स्त्री (पृथिवी) पृथ्वी, धरती, भूमि; १-८८, २१६। पिण्डं वि (प्रथमम्) पहला; १-५५।
पिसल्लो
पिसाओ
पिसाची
पिहडो
पिहं
पीअं
पुहवीसो
पीडिअं
पीढं पीणतं पीणदा पीणिमा पीवलं
पुन्छ
पेज्जा
पुंजा पुढो
पेच्छसि सक (प्रेक्षसे) तू देखता है; २-२०५। पेच्छ सक (प्रेक्षस्व) देख; देखो; १-२३। पेच्छइ सक (प्रेक्षते) वह देखता है; २-१४३। स्त्री (पेया) पीने योग्य वस्तु विशेष; यवागू; १-२४८ न (पेष्टम्) पीसा हुआ आटा, चूर्ण आदि; १-८५। न (पीडम्) आसन, पीढ़ा, १-१०६। न (पिण्डम्) पिण्ड, समूह, संघात; १-८५/ न (प्रेम) प्रेम, स्नेह; २-९८|
पुट्ठो
पुढम पुढवी पुढुमं
पेम्म
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