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398 : प्राकृत व्याकरण
a - Qaf नि ।
पुन (नयन) आंख, नेत्र; १-१७७, १८०, २२८। पुनं (नयनानि) आंखे; १-३३। न (नयनानि) आंखे; १-३३। न (नगर) नगर, शहर, पुर; १-१७७, १८०। पुन (नरः) मनुष्य, पुरूष; १-२२९। पु (नाराच) शरीर की रचना का एक प्रकार; १-६७/ पु (नरेन्द्रः ), राजा; १-८४ अ (केवलम्) केवल, विशेष, सिर्फ; २-२०४। वि (नवः) नया, नूनत, नवीन; २-१६५। वि (नवः) नया, नूनत, नवीन; २-१६५।
नई
नाणां
धीरं न (धैर्यम्) धीरज, को; १-१५५; २-६४। नयणं धीरिअं न (धैर्यम्) धीरज, धीरता; २-१०७।
नयणा धत्तिमा पु स्त्री. (धूर्तत्वम्) धूर्तता, ठगाई; १-३५।
नयणाई धुत्तो पु (धूर्तः) ठग, वञ्चक, जूआ खेलने वाला; नयरं १-१७७; २-३०।
नरो धुरा स्त्रीः (धुर) गाड़ी आदि का अग्र भाग; धूरी; १-१६। नराओ धुवसि
अक़ (धूनसि) तूं कम्पता है; २-१६। धूआ स्त्री (दुहिता) लड़की की पुत्री; २-१२६/ नरिन्दो धूम
वडलो पु (धूम पटल;) धूम-समूह; २-१९८| नवरं धोरणि स्त्री. (धोरणि) पक्ति, कतार; १-७।
नवल्लो (न)
नवो अ (न) नहीं; १-६,४२; २-१८०, १९३, १९८,१९९, नश्२०३, २०४, २०५, २०६, २१७) स्त्री (नदी); हे नई (हे नदि) हे नदी १-२८९।
स्त्री (नदी) नदी; १-२२९। नइगामो पु (नदी-ग्रामः, नईग्गामो (नदी ग्रामः) नदी के नह किनारे पर स्थित ग्राम; २-९७।
नहा नईसोत्तं न (नदीस्त्रोतः) नदी का झरना; १-४।
नह नई-सोत्तं (नदी स्त्रोतः) १-४।
नहयले न उणा न उण, न उणाई, न उणो अ (नपुनः) फिर से
नाओ नहीं; १-६५।
नाणं नओ पु (नगः) पहाड़, वृक्ष; १-१७७। नक्कंचरो पु (नक्तंचरः) राक्षस चोर, बिडाल; १-१७६। नाम नक्खा पु (नखानि) नख, नाखून; २-९०, ९९। नग्गो वि (नग्नः) नंगा, वस्त्र रहित; २-७८,८९॥ नच्चइ अक़ (नृत्यति) वह नाचता है।
नारइओ नच्चाविआई वि (नर्तितानि) नचाई हुई को; १-३३।
नाराओ नई अक (नृत्यते) (नध्यते) उससे नाचा जाता है। नडो
पु (नट:) नट; १-१९५|| नत्तिओ पु (नप्तृकः) पौत्र; पुत्र का अथवा पुत्री का.; नाविओ
१-१३७। नत्तुओ पु (नृप्तृकः) पौत्र, पुत्र का अथवा पुत्री का पुत्र; निअत्तसु १-३७)
निअत्तं नभं
न (नभस्) आकाश गगन; १-८७) अक़ (नम्) भार के कारण से झुकना; सक (नम्) निअम्ब नमस्कार करना।
निउअं नमिमो सक (नमामः) हम नमस्कार करते हैं निउरं १-१८३। नओ वि (नतः) नमा हुआ, झुका हुआ; २-१८०। निक्कओ "उद्" के साथ में
निक्कम्प उन्नयं वि (उन्नत) उन्नत, ऊंचा; १-१२। निक्खं "प्र" के साथ में
निच्चलो पणवह सक (प्रनमय) तुम नमस्कार करते हो; निच्चल २-१९५/
निज्झरो नमिर व (नमन शील) नमने के स्वभाव वाला; २-१४५/
निठुरो नमोक्कारा पु (नमस्कारः) नमस्कार; १-६२, २-४| पु (नर्म) हंसी, मजाक; १-३२।
निठुलो
नावा
"प्र" उपसर्ग के साथ में - पणठु वि (प्रनष्ट) विशेष रूप से नष्ट हुआ; १-१८७। न (नख) नख, नाखून; १-६,७/ न (नखानि) नख, नाखून; २-९०, ९९। न (नभः) आकाश; १-३२, १८७। न (नभस्तले) आकाश तल में; २-२०३। पु (न्यायः) न्याय नीति; १-२२९/ पु (नाग) सर्प, सांप; १-२६। न (ज्ञानम्) ज्ञान, बोध, चैतन्य, बुद्धि; २-१०४ । अ (नाम) संभावना, आमन्त्रण, संबोधन,ख्याति वाक्यालंकार-पाद-पूर्ति अर्थ में ; प्रयोक्तव्य अव्यय; २-२१७। वि (नारकिकः) नरक का जीव; १-७९ । पु (नाराच:) शरीर की रचना का एक प्रकार; १-६७/ स्त्री (नौः) नौका, जहाज; १-१६४। पु (नापितः) नाई, हज्जाम; १-२३०| पु (नाथः) स्वामी, मालिक; १-१८७, २-७८| अक (निवृत्त) पीछे हट जा, रूक जा; २-१९६। वि (निवृत्तम्) निवृत्त, प्रवृत्त, विमुख हटा हुआ; १-१३२। न (नितम्ब) कमर के नीचे का भाग-पुढे १-४। वि (निवृतम्) परिवेष्टित,घेराया हुआ; १-१३१। न (नपुरम्) स्त्री के पांव का एक आभूषण; १-१२३ पु (निष्क्रय) वेतन, मजदूरी; २-४। नः (निष्कम्पम्) कम्पन्न रहित, स्थिर २-४। पुन (निष्कम्) सोना,मोहर, मुद्रा, रूपया; २-४। वि (निश्चल) स्थिर, दृढ़, अचल; २-२११। वि (निश्चलः) स्थिर, दृढ़, अचल; २-२१ । पु (निर्झरः) झरना, पहाड़ से गिरते हुए पानी का प्रवाह; १-९८; २-९०। वि (निष्ठुरः) निष्ठुर पुरूष, कठोर आदमी; १-२५४,२-७७। वि (निष्ठुरः) निष्ठुर पुरूष, कठोर आदमी;
नाहो
नम्
नम्मो
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