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________________ परिशिष्ट-भाग : 389 गड्डहो गड्डा गिट्ठी गण्ठी गद्दहो गन्धउडिं गन्धो गब्भिणो गम् गच्छइ गओ गयं अवगयं गुंछं आओ आगओ उग्गय गमिर गुत्तो गम्भीरिअं गय गयणं गयणे गयणम्मि गया पु. (गर्दभः) गदहा; गधा; २-३७॥ गामिल्लिआ वि (ग्रामेयकाः) गांव के निवासी; २-१६३। स्त्री. (गर्ता) गड्ढा १-३५, २-३५। गारवं (गौरवम्) अभिमान, गौरव, प्रभाव; १-१६३। पुं. (गर्तः) गड्ढा (गलगंड) रोग-विशेष; १--३५, गावी गावीओ स्त्री (गाव:) गाय; २-१७४। २-३५/ स्त्री (गृष्टिः) एक बार ब्याई हुई गाय आदि १-२६॥ स्त्री (ग्रन्थिः) गांठ; जोड़; बाँस आदि की गिरह; गिण्ठी स्त्री. (गृष्टिः) एक बार ब्याई हुई गाय आदि १.२६; पर्व; १-३५। १२८1 पुं. (गर्दभः) गदहा; गधा; २-३७। गिद्धी स्त्री. (गृद्धिः) आसक्ति, लम्पटता; १-१२८॥ स्त्री. (गन्ध पुटीम्) गन्ध की फैलावट; १-८।। गिम्हो पुं. (ग्रीष्मः) गरमी का समय; ग्रीष्म ऋतु; २-७४। पुं. (गन्धः) गन्ध, नाक से ग्रहण करने योग्यः गिरा स्त्री (गौः) वाणी: १-१६। १-१७७ गिलाइ अक (ग्लायति) वह म्लान होता है; वह जम्हाई वि (गर्भितः) गर्भ-युक्त: १-२०८। लेता है; २-१०६। सक. (गच्छ) जाना; समझना: जानना। गिलाणं न वि (ग्लानम्) उदासीन, बीमार; थका हुआ: सक. (गच्छति) वह जाता है; १-१८७। २-१०६। वि (गतः) गया हुआ; समझा हुआ; १-२०९। वि (गुह्यम्) गोपनीय; छिपाने योग्य; २-२६; १२४ । वि (गतः) गया हुआ; समझा हुआ; १-९७। न (गुच्छम्) गुच्छा; १-२६ । वि. (अपगतम्) सरका हुआ; हटा हुआ; बीता गुडा पु. (गुडः) गुड़, लाल शक्कर; १-२०२। हुआ; १-१७२। गुणा पुं न (गुणाः) गुण, पर्याय, स्वभाव,धर्म; १-११, वि (आगतः) आया हुआ; १-२६८) ३४| वि (आगतः) आया हुआ १-२०९; २६८। गुणाई पुं नं (गुणाः) गुण, पर्याय, स्वभाव; १-३४ । वि (उद्गतम्) उन्नति को प्राप्त हुआ; १-१२। गुत्तो वि (गुप्तः) गुप्त; प्रच्छन्न; छिपा हुआ; २-७७) वि (गमनशील) जाने वाला; जाने के स्वभाव गुप् अक. (गुप्तः) गुप्त; प्रकाशित होना चमकना। वाला; २-१४५। गोवइ उभय (गोपयति) वह प्रकाशित होता है वह न (गाम्भीर्यम्) गम्भीरता; गम्भीरपना; २-१०७। चमकता है; १-२३१॥ वि (गतः) गया हुआ; बीता हुआ; १-९७। वि. (गुप्तः) गुप्त; प्रच्छन्न; छिपा हुआ; २-७७। न (गगनम्) गगनः आकाशः २-१६४। न (गुल्फम्) पैर की गांठ; फीली; २-९०। न (गगने) आकाश में १-८॥ सक (गुफति) वह गूंथता है; वह गांठता है: न (गगन में) आकाश में; २-१६४। १-२३६। स्त्री (गदा) लोहे का मुद्गर या लाठी; अस्त्र गुम्फइ सक. (गुम्फति) वह गूंथता है; वह गांठता है; विशेष; १-१७७,१८०। १-२३६। पुं. (गरिमा) एक प्रकार की लब्धि विशेष; गुरूता; गुय्हं वि (गुह्यम्) गोपनीय; छिपाने योग्य; २-१२४ । गौरव; १-३५। पुं. (गुरू:) गुरू; पूज्य; बड़ा; १-१०९। स्त्री. (गर्हा) निन्दा, घृणा; जुगुप्सा; २-१०४ । गुरूल्लावा पुं. (गुरूल्लापाः) गुरू की उक्तियाँ; १-८४॥ स्त्री (गुर्वी) बड़ी; ज्येष्ठा; महती; १-१०७। गुलो पु. (गुड़) गुड़; लाल शक्कर; १-२०२॥ वि (गरूक:) गुरूबड़ा; महानः १-१०९। गहइ सक (गोहति) वह छिपाता है। वह ढांकता है; पुं. (गरूड़ः) गरूड, पक्षी विशेष; १-२०२। १-२३६। स्त्री (गुर्वी) बड़ी; ज्येष्ठा; महती; २-११३। । गुहा स्त्री (गुहा) गुफा; कन्दरा; १-४२। स्त्री. (गडूची:) लता विशेष; गिलोय; १-१०७; गूढोअर न (गूढोदरम्) पेट के आन्तरिक भाग में रहा हुआ; १२४। १-६। पु. (गृहपतिः) घर का स्वामी; ग्रहपति, चन्द्रमा; गेझं वि (गाह्यम्) ग्रहण करने योग्य; १-७८। २-१४४ सक (ग्रह्णाति) वह ग्रहण करता है; २-२१७। वि (गर्ववान्) अहंकारी; घमंडी; २-१५९। गेन्दु न. (कन्दुकम्) गेंद; १-५७, १८२। पुं. (ग्रहः) नक्षत्र-विशेष; २-७९। गोआवरी स्त्री. (गोदावरी) एक नदी का नाम; २-१७४। वि. (गृहीतम्) ग्रहण किया हुआ; स्वीकृत; गोट्ठी स्त्री (गोष्ठी:) मण्डली; समान वय वालों की १-१०१। सभा; २-७७। वि (गभीरम्) गहरा; गम्भीर; १-१०१। गोणो स्त्री (गौः) गाय; २-१७४। न. (गांभीर्यम्) गहराई; गम्भीरपना; २-१०७। गोरिहरं गोरीहरं न (गौरी-गृहम्) सुन्दर स्त्री का घर; स्त्री. (गोः) गाय; १-१५८। पीअरं; १-४। पुं. स्त्री. (गौः) गाय; बैल; १-१५८। गोला स्त्री. (गोदा) नाम विशेष; २-१९४। गुप्फ गुभइ गरिमा गरिहा गरूओ गरूलो गरूवी गलोई गहवइ गेण्हइ गव्विरो गहो गहिअं गहिरं गहीरिअं गाई गाओ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001942
Book TitlePrakrit Vyakaranam Part 1
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorSuresh Sisodiya
PublisherAgam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan
Publication Year2006
Total Pages454
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size16 MB
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