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१५०
अनुवासनका शीघ्रविनिर्गमन
कारण व उसका उपाय १४५ अनुवासनबस्तिकी संख्या १४५ बस्तिकर्मके लिए अपात्र बस्तिकर्मका फल शिरोगतवायुकी चिकित्सा नस्य का भेद अवमर्षनस्य अवपीडननस्य
१४८ नस्यके लिए अपात्र नस्यफल अन्तिम कथन
नवमपरिच्छेदः पित्तरोगाधिकारः प्रतिज्ञा
१५० पित्तप्रकोपमे कारण तज्जरोग पित्तका लक्षण व तज्जन्य रोग पित्तप्रकोपका लक्षण पित्तोपशमनविधि
१५१ पित्तोपशमनका बाह्य उपाय पित्तोपशमकारक अन्य उपाय १५२ पित्तोरशमक द्राक्षादि योग १५२ कासादि क्वाथ पित्तोपशामक वमन व्योषादि चूर्ण एलादि चूर्ण निंबादि क्वाथ
१५४ रक्तपित्त विधान रक्तपित्तका पूर्वरूप
१५९
रक्तपित्त का असाध्य लक्षण १५५ साध्यासाध्य विचार
१५५ द्राक्षा कषाय
१५५ कासादि स्वरस
१५५ मधुकादि घृत
१५६ घ्राणप्रवृत्तसविरचिकित्सा १५६ घ्राणप्रवृत्त रक्त में नस्यप्रयोग १५६ ऊधिःप्रवृस रक्तपित्तकी चिकित्सा १५७ रक्तपित्तनाशक वस्तिक्षीर १५७ रक्तपित्तको पथ्य
१५७ खजूरादि लेप लेप व स्नान
१५८ रक्तपित्त आसाथ्य लक्षण १५८ प्रदराधिकारः
१५९ असृग्दरनिदान व लक्षण प्रदरचिकित्सा
१५९ विसाधिकारः विसपनिदान चिकित्सा विसर्पका भेद विसर्पका असाध्यलक्षण वातरक्ताधिकारः
१६० वातरक्तचिकित्सा रास्नादि लेप मुद्गादि लेप पुनर्नवादि लेप जब्बादि लेप मुस्तादि लेप विब्यादि घृत अजपयःपान
१६२ टुंटुकादि दुग्ध
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जराग
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