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________________ महामयाधिकारः। (२०९) रक्त व मांसगत कुष्ठ चिकित्सा । रक्ताश्रिते पूर्वदाहतानि । रक्तस्य मोक्षणकषायनिपेवणं च ।। 'मांसस्थिते पूर्वकृतानि कृत्वा । पश्चान्महाविविधभेषजयोगसिद्धम् ।।८३॥ भावार्थ:---रक्ताश्रित कुष्ट में त्वचागत कुष्ठ की सर्वक्रिया ( वमन विरेचन ) लेपन, रक्त निकालना व कषाय सेवन करना चाहिये। मांसगत कुष्ठ हों तो उसके लिये- उपर्युक्त शोधनादि विधियोंको करके तदनंतर तदुपयोगी अनेक उत्कृष्ट सिद्ध औषधियोंका प्रयोग करना चाहिए ॥ ८३ ॥ मेदोऽस्थ्यादिगतकुष्ठ चिकित्सा। मेदोगतं कुष्ठमिहातिकष्टं । याप्यं भवेदधिकमेपजसविधानः। . अन्यद्भिषग्भिः परिवर्जनीयम् । यत्पंचकर्मगतिमप्यधिगम्य याति ॥८४॥ भावार्थ:- मेदोगत कुष्ठ अत्यंत कष्टतर है । उसे अनेक प्रकारका औषधियोंके प्रयोगसे. यापन करना चाहिये । बाकी के कुष्ठ अस्थि, मजा शुक्रगत, पंचकर्म करनेपर भी ठीक नहीं होते उनको असाध्य समझकर छोडना चाहिये । ८४ ॥ त्रिदोषकुष्ठचिकित्सा । दोषत्रयोद्धृतसमस्तकुष्ट -- दोपहैविविधभेषजसंविधानः ॥ पकं घृतं वापि सुतैल तत् । पीत्वातुरस्तनुविशोधनमेव कार्यम् ॥ ८५ ॥ भावार्थ:--त्रिदोषसे उत्पन्न कुष्टमें कुष्टगर्वको नाश करनेवाले औषधियोंसे पक्क घृत वा अच्छे तेलको पिलाकर कुष्ट रोगीका शरीरशोधन करना चाहिये ॥ ८५॥ ज्ञात्वा शिरामोक्षणंमत्र कृत्या योगानियानक्लिकुष्ठरान्विदध्यात् । दन्ती द्रवंती त्रिवृतं हरिद्रा । कुष्टं वचा कटुकरोहिणिकां सपाठाम् ॥८६ ॥ भल्लातका वल्गुजबीजयुक्तां निवा--स्थिमजसहितां सतिला समुस्ताम् । पथ्याक्षधात्रीसविडंग नीली मूलानि भृगरजसार पुनर्नवानि ॥ ८७ ॥ एनानि सर्वाणि विशोषितानि । सम्यक्तुलासमतानि विचूर्णितानि । निवासनारखधधावनीनां । काथेन सम्यक्परिभावितानि ।। ८८ ॥ ब्राम्हीरसेनापि पुनः पुनश्च । संभावितानि सकलं बदरप्रमाणात् ॥ आरभ्य तयाबादेहाक्षमात्रं । खाडेतनश्शुविहिताशपरिमाणं ८९ ॥ कुष्ठानि मेहानखिलोदराणि । दुनामकान्कृमिभगंदरदुप्टनाडीः ॥ ग्रंथीन सशोफानखिलामयान - प्येतद्धरेम्पनलमेव निपेथ्यमाणम् ॥९९॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001938
Book TitleKalyankarak
Original Sutra AuthorUgradityacharya
AuthorVardhaman Parshwanath Shastri
PublisherGovind Raoji Doshi Solapur
Publication Year1940
Total Pages908
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Ayurveda, L000, & L030
File Size18 MB
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