SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 294
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ महामयाधिकारः रोपण औषधियां । तिलाः सलोधा मधुकार्जुनत्वचः । पलाशदुग्धधिपतृतपडवाः । कदंब जम्ब्वाम्रकपित्थतिंदुका: । समंग एते व्रणरोपणे हिताः ॥ ४८ ॥ भावार्थ: - तिल, लोध, मुलैठी, अर्जुनवृक्षकी छाल, पलाश [ ढाक ] क्षीरीवृक्ष' [ वड, गूलर, पीपल, पाखर, शिरीप ] के कोंपल, कदंब, जामुन, आम, कैथ, तेंदु, मंजिष्ठा, ये सब ओषधियां त्रणरोपण ( भरने ) में हितकर हैं || ४८ ॥ ( २०१ ) रोपण वर्त्तिका । सवज्रवृक्षार्क कुरंटकोद्भवैः । पयोभिरात्तैस्सकरंजलांगलैः । ससैंधवांकोलशिलान्वितैः कृता । निर्हति वर्तित्रेणदुष्टनाडिकाः || ४९|| भावार्थ - दुष्ट नाडीव्रण में थोहर, अकौआ, कुरंटवृक्ष, इनके दूध व करंज, कलिहारी सैंधानमक, अंकोल, मेनशिल इनसे बनाई हुई बत्ती को व्रणपर रखने, दुष्टव्रण, नाडीव्रण आदि नाश होते हैं अर्थात् रोपण होते हैं । ॥ ४९ ॥ सद्योव्रण चिकित्सा | विशोध्य सद्यो व्रणव पूरणं । घृतेन संरोपणकल्कितेन वा ॥ सुपिष्टयष्टीमधुकान्वितेन वा । क्षतोष्मणः संहरणार्थमिष्यते ॥ ५० ॥ भावार्थ:-संयोत्रणको अच्छी तरह धोकर, उसके मुखमें घी [ उपरोक्त ] रोपण कल्क, अथवा मुलेठी के कल्कको जखमकी गर्मी शांत करनेके लिए भरना चाहिए ॥५०॥ बंधनक्रिया । सपत्रदानं परिवेष्टयेणं । सुसूक्ष्मवस्त्रावयवेन यत्नतः । स्वदोषदेहवणकालभावतः सदैव बद्धं समुपचारेद्भिषक् ॥ ५१ ॥ भावार्थ:- इस प्रकार ऋण में कल्फ भरने के बाद, उसके ऊपर पत्ते रख कर, उस पर पतले कपडे से लपेटना चाहिये अर्थात पट्टी बांधनी चाहिये । ततद्दोष, शरीर, व्रण, काल, भाव, इत्यादि पर ध्यान देते हुए, व्रण को हमेशा बांधकर वैद्य चिकित्सा करें ॥ ५१ ॥ धनपश्चाक्रिया । ततो द्वितीयेऽहनि मोक्षणं । विधाय पूयं विनिवर्त्य पीडनैः । Terrain auntys: पुन - विधाय बंधं विदधीत पूर्ववत् ।। ५२ ।। १ शस्त्र अस्त्र आदि से अकस्मात् जो जखम होती है उसे सद्योत्रण कहते हैं । २६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001938
Book TitleKalyankarak
Original Sutra AuthorUgradityacharya
AuthorVardhaman Parshwanath Shastri
PublisherGovind Raoji Doshi Solapur
Publication Year1940
Total Pages908
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Ayurveda, L000, & L030
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy