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________________ सप्ततिका ४५३ 0x ur9 क्रमांक गणस्थान योग उदयविकल्प गुणकार भंग अविरत पर्याप्त १० ८० २४ १६२० देशविरत ७२ २४ १७२८ प्रमत्तविरत ११ ८८ २४ २११२ अप्रमत्तविरत ७२ २४ १७२८ ८ अपूर्वकरण ३६ २४८६४ सर्वभंगोंका जोड़ १२६७२ अब सासादन गुणस्थानमें योगसम्बन्धी भंगोंमें जो कुछ विशेषता है उसे बतलाते हैं 'चउसहि होंति भंगा वेउव्वियमिस्ससासणे णियमा। वेउव्वियमिस्सस्स य णत्थि पुहत्तेग चउवीसा ॥३३८॥ सासगो णिरए ण उववजइ त्ति वयणाओ णपुंसकवेदो णस्थि । उदया ५ सोलसभंगगुगा ६४ । सासादनाविरतयोविशेषमाह-['चउसद्धि हाँति भंगा' इत्यादि । ] वैक्रियिकमिश्रकाययोगसंयुक्तसासादने चतुःषष्टिरुदयस्थान विकल्पाः भवन्ति नियमतः वक्रियिकमिश्रस्य चतुर्विशतिगुणकारभङ्गाः पृथक्त्वेन न सन्ति । कुतः ? सासादनो नरकेषु नोत्पद्यत इति वचनात् नपुंसकवेदो नास्ति । सासादने ८1८ उदय. स्थानविकल्पाः ४ स्त्री-पुंवेदद्वय २ कषायचतुष्क ४ हास्यादियुग्म २ गुणिताः षोडशभङ्गगुणिताश्चतुःषष्टिः सर्वोदयस्थानविकल्पाः ६४ ॥३३८॥ वैक्रियिकमिश्रकाययोग-संयुक्त सासादनमें नियमसे चौसठ ही भङ्ग होते हैं, इसलिए वैक्रियिकमिश्रके चौबीस गुणकाररूप भङ्ग पृथक् नहीं बतलाये गये हैं ॥३३८।। सासादनगुणस्थानवाला जीव मरकर नरकमें उत्पन्न नहीं होता है, ऐसा आगमवचन है, इसलिए इस गणस्थानमें वैक्रियिकमिश्रकायगोगके साथ नपुंसकवेदका उदय संभव नहीं है, अतएव दो वेद, चार कषाय और हास्यादि दो युगलके परस्पर गुणा करनेसे उत्पन्न सोलह भङ्गोंसे चार उदयस्थानोंके गुणित करनेपर ६४ ही योगसम्बन्धी भङ्ग प्राप्त होते हैं। अब अविरतगुणस्थानमें योगसम्बन्धी भङ्गों में जो कुछ विशेषता है, उसे बतलाते हैं श्वेउव्वा मिस्सकम्मे वे जोगे गुणिय अट्ठभंगेहिं । सोलसभंगेहिं पुणो गुणिदे दु हवंति अजदिभंगा दु ॥३३६।। असंयते क्रियिकमिश्र-कार्मणयोगाभ्यां २ ८८ । ७।७ इत्यष्टौ स्थानविकल्पाः ८ गुणिताः षोडश स्थानभङ्गाः १६ । पुनरेते पुंवेद-नपुंसकवेदद्वय २ कषायचतुष्क ४ हास्यादियुग्म २ गुणिताः षोडश १६ तैः स्थानभङ्गः१६ गुणिता २५६ असंयते उदयस्थानविकल्पा भवन्ति ॥३३॥ 1. सं० पञ्चसं० ५, ३६२ । 2. ५, ३६३-३६५ । ब वेउब्धि । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001937
Book TitlePanchsangrah
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages872
LanguageSanskrit, Prakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Karma
File Size21 MB
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