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________________ १५८ पञ्चसंग्रह एतौ द्वौ राशी मीलितौ २५६२० । एते बिकल्पाः सन्ति । देशसंयतमें नौ बन्ध-प्रत्यय-सम्बन्धी भङ्ग इस प्रकार उत्पन्न होते हैंप्रथम प्रकार – ६|१०| ४ | ३ |२| इनका परस्पर गुणा करने पर १२६६० भङ्ग होते हैं । द्वितीय प्रकार - ६ |५|४ | ३ | २२६ इनका परस्पर गुणा करने पर इन दोनों के मिलाने पर सर्व भङ्ग देशसंयतके दश बन्ध-प्रत्यय-सम्बन्धी भङ्गों को लाने के लिए कूट रचना इस प्रकार है - इंदिय-तिणि य काया कोहाई दोणि एयवेदो य । हस्साइदुयं एयं जोगो दस होंति ते देसे ॥ १८४॥ १।३।२।१२।१ एदे मिलिया १० । १।३।२।१।२।१ एकीकृताः १० प्रत्ययाः । एतेषां भंगाः ६/१०/४/२/२राह । अन्योन्यगुणिताः १२६६० ॥ १८४॥ अथवा देशसंयत में इन्द्रिय एक, काय तीन, क्रोधादि कषाय दो, वेद एक, हास्यादि युगल एक और योग एक; ये दश बन्ध-प्रत्यय होते हैं ॥ १८४ ॥ इनकी अंकसंदृष्टि इस प्रकार है -१+३+२+१+२+१= १० । १२६६० भङ्ग होते हैं । २५६२० होते हैं । इंदिय दोण्णि य काया कोहाई दोण्णि एयवेदो य । हस्सादिदुयं एयं भयदुय एयं च एयजोगो य ॥१८५॥ १।२।२।१।२।१।१ एदे मिलिया १० । १।२।२।१।२।१।१ एकीकृताः १० प्रत्ययाः । एतेषां भंगाः ६।१०।४।३।२।२६ गुणिताः २५६२० प्रत्ययविकल्पाः स्युः ॥ १८५ ॥ अथवा इन्द्रिय एक, काय दो, क्रोधादि कषाय दो, वेद एक, हास्यादि युगल एक, भयद्विकमें से एक और योग एक; ये दशबन्ध- प्रत्यय होते हैं ॥१८५॥ इनकी अंकसंदृष्टि इस प्रकार है -- १+२+२+१+२+१+१=१०। Jain Education International का० भ० ३ ० २ 9 9 २ इ' दियमेओ काओ कोहाई दुण्णि एयवेदो य । हस्साइदुयं एयं भयजुयलं एयजोगो य ॥ १८६॥ १।१।२।१।२।२।१ एदे मिलिया १० ॥ १।१।२।१।२।२।१ एकीकृताः प्रत्ययाः १० । एतेषां भंगाः ६५|४|३|२| | एते परस्परेण गुणिताः एए सव्वे वि मिलिया- ६४८० ॥१८६॥ अथवा इन्द्रिय एक, काय एक, क्रोधादि कषाय दो, वेद एक, हास्यादि युगल एक, भयद्विक और योग एक; ये दश बन्ध-प्रत्यय होते हैं ।। १८६ ॥ एदेसिं च भंगां इनकी अंकसंदृष्टि इस प्रकार है -१ + १+२+१+२+२+१=१०। - ६|१०|४|३|२६ एए अण्णोष्णगुणिदा = १२६६० ६।१०।४।३।२।२।६ एए अण्णोष्णगुणिदा = २५६६० ६/५/४/३/२/६ एए अण्णोष्णगुणिदा = ६४८० = ४५३६० For Private Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001937
Book TitlePanchsangrah
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages872
LanguageSanskrit, Prakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Karma
File Size21 MB
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