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________________ उदार दानदाताओं का संक्षिप्त परिचय - श्रीयुत जड़ावमल जी सुगनचन्द जी चोरड़िया । मूल निवासी-~__नोखा चांदावतो का, व्यवसाय--मद्रास । उदारमना, सरलवनि तथा श्रद्धालु गुरुभक्त । - श्रीयुत विजयराज जी रिखबचन्द जी कांकरिया । मूल निवासी हरसोलाय, व्यवसाय-विल्लीपुरम्, १०६, कामराज स्ट्रीट, विलीपुरम् । उदारचेता, गुरु भक्त । 0 श्रीमान पुखराज जी बाफना । मूल निवासी ---- हरसोलाव, जिला गोटन । व्यवसाय--मद्रास । स्वाध्याय प्रेमी, समाज सेवा में सक्रिय । ॥ श्रीमान सम्पतराज जी मुथा । मूल निवासी ---- भादलिया। व्यवसाय-मद्रास । धर्मप्रेमी, समाज सेवा में मक्रिय । 李李李李李李李李李李李李李李李李李李李李李李李李李李李李李李李李李李李李个中 उक्त महानुभावों ने साहित्य प्रचार एवं धर्मानुराग से प्रेरित होकर पुस्तक प्रकाशन में उदारतापूर्वक अर्थ सहयोग प्रदान किया है । हमें विश्वास है भविष्य में भी इसी प्रकार आप महानुभावों का सहयोग प्राप्त होता रहेगा। -चांदमल चोपड़ा मन्त्री-मुनि श्री हजारीमल स्मृति प्रकाशन ब्यावर (राज.) 个夺本本本命夺李李李李李李李李李李李李李李个个个 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001935
Book TitleJain Yog Granth Chatushtay
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorChhaganlal Shastri
PublisherHajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar
Publication Year1982
Total Pages384
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Yoga
File Size18 MB
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