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३३६ ]
[ मुहूर्तराज
साधक अक्षर - फ १०
साध्यजिन
तारा
। योनि
वर्ग
विंशोपक
गण
राशि नाडी
वानर
| मध्य
साध्यनाम
स्वकीय विरुद्ध
| लभ्य
मनुष्य | धनु राक्षस
४,६,८
मेष
मध्यवेध
स्व
अशुभ
शत्रु
मध्यम
सम
मध्यम
सम
अशुभ अशुभ अशुभ
अत्र
अशुभ
मध्यम
श्रेष्ठ
।
अशुभ
स्व
|स्व
एकम
अशुभ
मध्यम
| अशुभ
श्री ऋषभदेवजी २ श्री अजितनाथजी ३ श्री सम्भवनाथजी
श्री अभिनन्दन श्री सुमतिनाव श्री पद्मप्रभुजी श्री सुपार्श्वनाथजी
श्री चन्द्रप्रभजी ९ श्री सुविधिनाथजी
श्री शीतलनाथजी ११ श्री श्रेयांसनाथजी १२ श्री वासुपूज्यजी १३ श्री विमलनाथजी १४ श्री अनन्तनाथजी १५ श्री धर्मनाथजी
श्री शान्तिनाथजी श्री कुंथुनाथजी
|श्री अरनाथजी १९ श्री मल्लिनाथजी २० श्री मुनिसुव्रतजी
श्री नमिनाथजी श्री नेमिनाथजी
श्री पार्श्वनाथजी २४ श्री महावीरस्वामीजी
अशुभ
अशुभ
अशुभ
स्व
| शुभ |श्रेष्ठतर | वेध | श्रेष्ठतर
मध्यम
अशुभ
मध्यम
मध्यम
|शुभ
| कुवैर
अशुभ
शत्रु
मध्यम
श्रेष्ठतर
मध्यम
अशुभ
| मैत्री
मध्यम
अशुभ
| शुभ
मध्यम अशुभ अशुभ
3 &
| भवेध
श्रेष्ठ
राशि
पति
वर्ण
नक्षत्र
एकनाथ मीन
वश्य सभी राशियाँ
धन
गुरु
क्षत्रिय
पू.षा.
पश्चिम
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