________________
३१२ ]
साधक अक्षर - ज-१० (जु, जू, जे, ज-१० (जु, जू, जे, जै, जो जौ अभिजित्) (ज, जि १ भवेध)
नं.
साध्यनाम
१
२
श्री ऋषभदेवजी
श्री अजितनाथजी
३
श्री सम्भवनाथजी
४ श्री अभिनन्दनजी
श्री सुमतिनाथजी
८
९
५
६ श्री पद्मप्रभुजी
७
≈ m x 2 w 2
१२
१३
साध्यजिन
१०
११ श्री श्रेयांसनाथजी
स्वकीय
विरुद्ध
१५
श्री सुपार्श्वनाथजी
श्री चन्द्रप्रभजी
श्री सुविधिनाथजी
श्री शीतलनाथजी
१४ श्री अनन्तनाथजी
~ ~ ~
श्री वासुपूज्यजी
श्री विमलनाथजी
१६ श्री शान्तिनाथजी
राशि
मकर
श्री धर्मनाथजी
१७ श्री कुंथुनाथजी
१८ श्री अरनाथजी
१९
२०
श्री मल्लिनाथजी
श्री मुनिसुव्रतजी २१ श्री नमिनाथजी २२ श्री नेमिनाथजी
२३ श्री पार्श्वनाथजी
२४ श्री महावीरस्वामीजी
पति
शनि
Jain Education International
तारा
३
५,७,९
अशुभ
अशुभ
अशुभ
अशुभ
अशुभ
अशुभ
अशुभ
अशुभ
एकनाथ
कुंभ
योनि
नकुल
सर्प
स्व
वैर
वैर
वर्ण
वैश्य
वर्ग
च
य
वैर
वैर
(वैर)
लभ्य
१ ॥
३॥
१॥
१॥
१
१
१॥
१॥
For Private & Personal Use Only
विशोषक
देय
१
'
१॥
१
१॥
१॥
0
१॥
१ ॥
१॥
२
२
१
१॥
१
(१॥ )
(२)
वश्य
कर्क, मीन
गण
मनुष्य
राक्षस
स्व
स्व
अशुभ
स्व
[ मुहूर्तराज
अशुभ
स्व
राशि नाडी
शुभ
मध्यम प्रीति
मध्यम
प्रीति
अशुभ शत्रु
अशुभ
अशुभ
मध्यम
मध्यम
मध्यम
मध्यम
अशुभ
मध्यम
मकर अन्त्य
सिंह
अन्त्य
अशुभ एकम
मध्यम स्व
श्रेष्ठ
शुभ
अशुभ
अशुभ
मध्यम
श्रेष्ठतर वेध
शुभ
शुभ
सम
श्रेष्ठ
शुभ
शुभ
श्रेष्ठ
阿
मध्यम
मध्यम
स्व मध्यम श्रेष्ठ
अशुभ
अशुभ
स्व
वेध
नक्षत्र
उ.षा.
वेध
वेध
वेध
वेध
वेध
वेष
मध्यम
श्रेष्ठतर वेध
मध्यम
युजि
पश्चिम
www.jainelibrary.org