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________________ ३०४ ] [ मुहूर्तराज साधक अक्षर - ख - १० (खो खौ १-पाद ७-१३-२३ भवेध) साध्यजिन तारा योनि | वर्ग । विंशोपक गण राशि नाडी साध्यनाम स्वकीय विरुद्ध वानर मेष लभ्य । देव | मकर राक्षस - |सिंह अन्त्य अन्त्यवेध ६,८,१ मध्यम मध्यम अशुभ | भवेध शुभ प्रीति प्रीति अशुभ शत्रु वेध वैर २ ननरभर अशुभ मध्यम श्रेष्ठतर | वेध शुभ अशुभ अशुभ अशुभ मध्यम स्व श्री ऋषभदेवजी | श्री अजितनाथजी श्री सम्भवनाथजी | श्री अभिनन्दनजी ५ | श्री सुमतिनाथजी श्री पद्मप्रभुजी ७ | श्री सुपार्श्वनाथजी श्री चन्द्रप्रभजी |श्री सुविधिनाथजी श्री शीतलनाथजी ११ | श्री श्रेयांसनाथजी | श्री वासुपूज्यजी श्री विमलनाथजी |श्री अनन्तनाथजी | श्री धर्मनाथजी | श्री शान्तिनाथजी | श्री कुंथुनाथजी श्री अरनाथजी श्री मल्लिनाथजी श्री मुनिसुव्रतजी २१ | श्री नमिनाथजी | श्री नेमिनाथजी २३ | श्री पार्श्वनाथजी २४ | श्री महावीरस्वामीजी अशुभ श्रेष्ठ अशुभ मध्यम शुभ वेध भा अशुभ अशुभ श्रेष्ठ शभ अशुभ अशुभ वैर |स्व एकम श्रेष्ठ मध्यम श्रेष्ठतर | वेध | मध्यम कैर | १॥ राशि पति एकनाथ वर्ण वश्य नक्षत्र | युजि श्रवण पश्चिम मकर शनि कुंभ वैश्य कर्क, मीन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001933
Book TitleMuhurtraj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayprabhvijay
PublisherRajendra Pravachan Karyalay Khudala
Publication Year1996
Total Pages522
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size11 MB
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