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श्रु०१ अ०२ उ० २, गाथा १३ ६७
सूत्रकृतांग-सूची
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पारिवारिक मोह से निवृत्ति का उपदेश सावद्य कार्यों से निवृत्ति का उपदेश सब को स्वस्थान त्याग का दुःख होता है आसक्त की मृत्यु आसक्त की कर्म वेदना अन्य तीथिक की संगति का निषेध कषाय-युक्त की मुक्ति नहीं पापकर्म से निवृत्त होने का उपदेश इर्या समिति प्रथम महाव्रत का उपदेश शीत-उष्ण परीषह सोदाहरण प्रथम महाव्रत एवं तप का उपदेश
सोदाहरण तप का उपदेश १६-२२ मोह विजय
द्वितीय उद्देशक गाथांक १- २ निन्दा निषेध (पाप-पर परिवाद)
समभाव साधना परीषह जय (आक्रोश-वध) कषाय विजय, अहिंसा का उपदेश अनासक्त होकर उपदेश देने का विधान
प्रथम महाव्रत ६-१० परिग्रह निषेध
परिचय निषेध, गर्व निषेध एकाकी विहार का विधान, इर्या-समिति शून्यगृह में प्रवेश निषेध, वसति एषणा-एषणा समिति
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