SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 933
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सूत्र १३१ ११६ क- आभरणादि का त्याग ख- पंचमुष्टि लोच ग- छट्टु तप घ- एक देव दृष्यवस्त्र का धारण करना ङ - एकाकी भ० महावीर की अनगार प्रव्रज्या ६०५ ११७ क- भ० महावीर का देव दृष्य धारण काल ख- भ० महावीर का अचेलक होना क- भ० महावीर का बारह वर्ष पर्यन्त उपसर्ग सहन करना ख- भ० महावीर की समिति गुप्ति आराधना ग- भ० महावीर की इकबीस उपमा घ- प्रतिबन्ध के चार भेद १२२ १२३ १२४ ङ- अठारह पाप से सर्वथा विरति ११६ भ० महावीर का ग्रीष्म - हेमन्त में ग्राम नगर में ठहरने का काल १२०-१२१ दीक्षा काल से तेरहवें वर्ष में जृंभक ग्राम के बहार नृजुवालिका नदी के तट पर चैत्य के समीप वैसाख शुक्ला दसमी के दिन भ० महावीर को केवल ज्ञान कल्पसूत्र - सूची भ० महावीर के वर्षावास भ० महावीर का अन्तिम वर्षावास मध्यपावा में कार्तिक कृष्णा अमावस्या के दिन भ० महावीर का निर्वाण १२५-१२६ देवताओं द्वारा भ० महावीर का निर्वाण महोत्सव १२७ इंद्रभूति गौतम गणधर को केवलज्ञान १२८ क- कार्तिक कृष्णा अमावस्या के दिन अठारह गणराजाओं का आहार त्याग कर पौषध करना Jain Education International ख- राजाओं द्वारा दीपोद्योत भस्मराशि नामक महाग्रह का भ० महावीर के जन्म नक्षत्र के साथ संक्रमण १३०-१३१ भस्म - राशि महाग्रह का प्रभाव For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy