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________________ कल्पसूत्र - सूची ६०६ १३२-१३३ क- निर्वाण रात्रि में कुथुओं की उत्पत्ति ख- निर्ग्रन्थों का भक्त प्रत्याख्यान ग- कुँथुओं की उत्पत्ति का फलादेश १३४ १३५ १३६ १३७ १३८ १३६ १४१ १४२ भ० महावीर के अनुयायी श्रमण भ० महावीर की अनुयायी श्रमणियाँ भ० महावीर के अनुयायी श्रमणोपासक भ० महावीर की अनुयायी श्रमणोपासिकायें भ० महावीर के अनुयायी चतुर्दशपूर्वी मुनि भ० महावीर के अनुयायी अवधिज्ञानी मुनि १४३ भ० महावीर के अनुयायी - वैक्रियलब्धि धारी मुनि भ० महावीर के अनुयायी मनः पर्यवज्ञानी मुनि भ० महावीर के अनुयायी बादलब्धि वाले मुनि १४४ क- भ० महावीर के मुक्त होने वाले शिष्य ख- मुक्त होने वाली आर्यिकाएँ १४५ १४६ १४७ क- भ० महावीर का गृहवास काल ख- भ० महावीर का छद्मस्थकाल ग- भ० महावीर का केवलज्ञान युक्त जीवन घ- भ० महावीर का श्रमण जीवन १४८ अनुत्तर विमानों में उत्पन्न होने वाले मुनि भ० महावीर के पश्चात् मुक्त होने वाले मुनि घ- भ० महावीर की सर्वायु च - भ० महावीर का निर्वाण काल कल्पसूत्र का लेखन काल भ० पार्श्वनाथ भ० पार्श्वनाथ के पंच कल्याण १४६ १५० क Jain Education International सूत्र १५० चैत्र कृष्णा चतुर्थी के दिन प्राणत देवलोक से भ० पार्श्वनाथ की आत्मा का च्यवन For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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