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________________ ६०४ सूत्र ११५ कल्पसूत्र-सूची घ- नगर की सफाई आदि ङ- दण्ड निषेध, ऋणमुक्ति १०३ यज्ञ, दान आदि कृत्य क- प्रथम दिन शिशु-स्थिति ख- तृतीय दिन-चन्द्र सूर्य दर्शन ग- छठे दिन-धर्मजागरणा घ- इग्यारहवें दिन अशुचि से निवृत्ति ङ- बारहवें दिन-जाति भोज १०५-१०७ वर्धमान नाम देना १०८ भ० महावीर के गुण निष्पन्न तीन नाम १०६ क- भ० महावीर के पिता के तीन नाम ख- भ० महावीर की माता के तीन नाम ग- भ० महावीर के (पितृव्य) चाचा का नाम घ- भ० महावीर के बड़े भ्राता का नाम ङ- भ० महावीर की बहिन का नाम च- भ० महावीर की भार्या का नाम छ- भ० महावीर की पुत्री के दो नाम ज- भ० महावीर की दोहित्री के दो नाम ११०-१११ क- भ० महावीर की तीस वर्ष की वय होने पर लोकान्तिक देवों का आगमन ख- बोध प्रदान एवं तीर्थ प्रवर्तन के लिये प्रार्थना ११२ क- भ० महावीर को अप्रतिपाति अवधि ज्ञान से निष्क्रमण काल का ज्ञान ख- भ० महावीर द्वारा वर्षीदान ११३-११५ मार्गशीर्ष कृष्णा दसमी के दिन दीक्षा के लिये 'ज्ञात-खण्ड वन" उद्यान में गमन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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