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________________ उ० ६ सूत्र ७ २५-३३ ३४ ३५ ३६-५६ ६०-६२ ६३ ६४-६६ ६७-७७ १-७७ १-६१ १-६ १० ११ १२ १३-१५ १६ १७ १-६ ७ ८८३ दण्डे आदि का रंगना नये ग्राम आदि में भिक्षार्थ जाना नई खानों में भिक्षार्थ जाना विविध प्रकार के वाद्य बनाना सदोष शय्या का उपयोग करना विपरीत समाचारी वालों के साथ व्यवहार करना वस्त्र पात्र और दण्ड आदि को जीर्ण होने से पहले डाल देना रजोहरण का अनुचित उपयोग करना निर्ग्रन्थी के साथ निर्ग्रन्थ का व्यवहार षष्ठ उद्देशक मैथुन के संकल्प से निर्ग्रथी के साथ अमर्यादित व्यवहार करना सप्तम उद्देशक मैथुन के संकल्प से निर्ग्रन्थी के साथ अमर्यादित व्यवहार करना निशीथ-सूची अष्टम उद्देशक अकेली स्त्री के साथ अमर्यादित व्यावहार करना स्त्री परिषद में असमय धर्म कथा कहना निर्ग्रन्थी के साथ अनुचित व्यवहार करना स्वजन परिजनों से सम्पर्क रखना राज्य परिवार से सम्पर्क रखना खाद्य पदार्थों का संग्रह करना त्याज्य आहार लेना नवम उद्देशक राज्य कुल का आहार लेना ६ दोषायतनों में जाना आना Jain Education International For Private & Personal Use Only C www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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