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________________ आचारांग सूची ख ग घ ङ क ख ग མ| ག ख ग क ख ग क ख ट Ю ठ ड ho 44 ण त श्रु०२, अ०१३, ३० १ सू० १७२ गृहस्थ से गड़ (फोड़ा) आदि का शस्त्र से रक्त न निकालना 21 77 आदि का प्रमार्जन न करवाना आदि का मर्दन न करवाना " 11 "" पैर विषयक ग से ब तक की पुनरावृत्ति गृहस्थ से शरीर का मैल साफ न करवाना 31 "" "1 31 23 " " Jain Education International ५८ आँख आदि का मैल साफ न करवाना लंबे बाल आदि न कटवाना लीख जूं न निकलवाना गोद या पलंग पर लेटाकर गृहस्थ पैरों का प्रमार्जन करे तो न करवाना गोद या पलंग पर लेटालर गृहस्थ पैरों का मर्दन करे तो न करवाना पैर विषयक ग से ज तक की पुनरावृत्ति गोद या पलंगपर लेटाकर गृहस्थ हार आदि पहनाये तो न पहनना आराम या उद्यान में लेजाकर गृहस्थ पैरों का प्रमार्जन करे तो न करवाना पैर विषयक ग से ज तक की पुनरावृत्ति साधु दूसरे साधु से अकारण पैरों का प्रमार्जन न करावे पैर किषयक ग से ञ तक की पुनरावृत्ति काय विषयक ग से ज तक की पुनरावृत्ति व्रण विषयक ग से ज तक की पुनरावृत्ति गंड विषयक ग से ज तक की पुनरावृत्ति व्रणछेदन विषयक ग से ज तक की पुनरावृत्ति स्वेद विषयक ग से ज तक की पुनरावृत्ति लीख जूं विषयक ग से ज तक की पुनरावृत्ति For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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