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________________ उत्तराध्ययन-सूची अ० ३६ गाथा १२ ६-७ साधु के निवास योग्य स्थान ८-६ अन्य कृत स्थान में ठहरने का कारण १०-१२ क- भोजन बनाने का निषेध ख- निषेध का हेतु १३-१५ क्रय-विक्रय का निषेध भिक्षावृत्ति का विधान आहार भक्षण विधि सन्मान कामना का निषेध साधना विधि अन्तिम साधना उपसंहार-निर्वाण पथ का पथिक छत्तीसवाँ जीवाजीवविभक्ति अध्ययन जीवाजीव-विभक्ति के ज्ञान से संयम साधना लोक-अलोक का स्वरूप . अजीव विभाग ३ जीव-अजीव की द्रव्य क्षेत्र काल और भाव प्ररूपणा ४ क- अजीव के दो भेद ख- अरूपी अजीव के दस भेद ग- रूपी अजीव के चार भेद अरूपी अजीव के दश भेद धर्म, अधर्म, आकाश और काल का क्षेत्र धर्म, अधर्म और आकाश अनादि अनन्त १ क- काल-संतति अपेक्षा अनादि अनन्त ख- आदेश अपेक्षा सादि-सान्त १० रूपी अजीव के चार भेद ११-१२ क- स्कन्ध और परमाणु का लक्षण 1 GK w Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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