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अ० ३६ गाथा ८ १
१३
१४
१५-४६
४७
४८
४६
५०
५१
५२
५३
७०-७७
७८
७६
is is
८१६
ख- स्कन्ध और परमाणु का क्षेत्र
ग
1 ໐
८१
रूपी अजीव द्रव्य की स्थिति
रूपी अजीव द्रव्य का अन्तरकाल
रूपी अजीव द्रव्य के पाँच परिणाम
जीव विभाग
जीव विभाग का कथन
जीव के दो भेद
"
सिद्धों के अनेक भेद
सिद्धों की अवगाहना
एक समय में सिद्ध होने वालों की संख्या
५४
'५५-५६
५७-५६
६०
६१ लोकान्त का परिमाण
६२-६६ क- संसार की स्थिति, जीव के दो भेद
ख- स्थावर जीवों के तीन भेद
की अपेक्षाकृत स्थिति
"
लिङ्ग की अपेक्षा से सिद्ध होने वालों की संख्या अवगाहना की अपेक्षा से सिद्ध होने वालों की संख्या
क्षेत्र की अपेक्षा से सिद्ध होने वालों की संख्या सिद्धों का वर्णन
ईषत् प्राग्भारा पृथ्वी - सिद्धस्थान का आयत विस्तार और सिद्ध स्थान की रचना
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उत्तराध्ययन सूची
पृथ्वीकाय के भेद
पृथ्वीकाय की व्यापकता
द्रव्य और पर्याय की अपेक्षा पृथ्वीकाय की स्थिति
पृथ्वीकाय के जीवों की जघन्य उत्कृष्ट स्थिति पृथ्वीकायिक जीवों की काय स्थिति
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