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________________ अ० २५ गाथा ३ ख- भ० गौतम द्वारा समाधान ७४-७८ क केशी कुमार भ्रमण का एकादशम प्रश्नप्रकाशक कौन ? ८५-८७ ८८ ख- भ० गौतम द्वारा समाधान ७६-८४ क - केशीकुमार श्रमण का द्वादशम प्रश्नकौन सा ? A ख- भ० गौतम द्वारा समाधान ८६ १-३ ४-८ ११-१२ १३-१४ १५-१६ २०-२१ २२-२३ २४-२५ २६-२७ ८०३ :१-३ ६-१० क भाषा समिति के आठ दोष ख के दो विशेषण एषणा समिति के तीन भेद आदान समिति के दो भेद परिष्ठापनिका समिति के चार भेद मन गुप्ति के चार भेद वचन गुप्ति के चार भेद काय गुप्ति के पांच भेद क- इर्या समिति के चार भेद ख- यतना के चार भेद उत्तराध्ययन सूची केशी भ्रमण का पंच महाव्रत धारण उपसंहार - केशी गौतम के समागम से श्रुत और शील का उत्कर्ष जन साधारण में श्रद्धा की अभिवृद्धि चौवीसवाँ समिति अध्ययन अष्ट प्रवचन माता -पाँच समिति, तीन गुप्ति " Jain Education International - सम्पूर्ण लोक का -शाश्वत स्थान For Private & Personal Use Only उपसंहार -- समिति गुप्ति की परिभाषा, अष्ट प्रवचन माता की सम्यक् आराधना से मुक्ति पच्चीसवाँ यज्ञ अध्ययन जय घोष मुनि का वाराणसी के बाहर उद्यान में ठहरना www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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