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________________ ८०२ उत्तराध्ययन-सूची अ० २३ गाथा ७३ १४-२० केशी श्रमण और भ० गौतम का मिलन तथा चर्चा २१-२८ क- केशी श्रमण का प्रथम प्रश्न-चार याम और पाँच याम धर्म की भिन्नता का मुख्य हेतु क्या है ? ख- भ० गौतम द्वारा समाधान २९.३३ क- केशी श्रमण का द्वितीय प्रश्न-भ० पार्श्वनाथ और ___भ० महावीर के अनुयायी श्रमणों की विभिन्न वेशभूषा क्यों? ख- भ० गौतम द्वारा समाधान ३४.३८ क- केशी श्रमण का तृतीय प्रश्न - शत्रुओं पर विजय प्राप्ति का क्रम कौनसा है ? ख- भ० गौतम द्वारा समाधान ३९-४३ क- केशी श्रमण का चतुर्थ प्रश्न-स्नेह बन्धन से मुक्ति किस प्रकार होती है ? ख- भ० गौतम द्वारा समाधान ४४-४८ क- केशी श्रमण का पंचम प्रश्न-तृष्णा का छेदन किस प्रकार? ख- भ० गौतम द्वारा समाधान ४६-५३ क- केशी श्रमण का षष्ठ प्रश्न---कषाय अग्नि का शमन किस प्रकार ? ख- भ० गौतम द्वारा समाधान ५४-५८ क- केशी श्रमण का सप्तम प्रश्न-मन का दमन किस प्रकार? ख- भ० गौतम का समाधान ५६-६३ क- केशी श्रमण का अष्टम प्रश्न--सन्मार्ग गमन किस प्रकार? ख- भ० गौतम द्वारा समाधान ६४-६८ क- केशी श्रमण का नवम प्रश्न-जन्म जरा मरण से मुक्ति किस प्रकार ? ख- भ० गौतम द्वारा समाधान ६६-७३ का. केशी श्रमण का दशम प्रश्न-~-संसार समुद्र से पार करने वाली नौका व नाविक कौन ? Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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