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दशवकालिक-सूची
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अ०७ गाथा ३६
६-७ जिसका होना संदिग्ध हो, उसके लिए निश्चयात्मक भाषा में
बोलने का निषेध ८ अज्ञात विषय को निश्चयात्मक भाषा में बोलने का निषेध ६ शंकित भाषा का प्रतिषेध १० निःशंकित भाषा बोलने का विधान ११-१३ परुष और हिंसात्मक सत्यभाषा का निषेध
१४ तुच्छ और अपमानजनक सम्बोधन का निषेध १५ पारिवारिक ममत्व--सूचक शब्दों से स्त्रियों को सम्बोधित
करने का निषेध १६ गौरव वाचक या चाटुता-सूचक शब्दों से स्त्रियों को सम्बोधित
करने का निषेध १७ नाम और गोत्र द्वारा स्त्रियों को सम्बोधित करने का विधान १८ पारिवारिक ममत्व--सूचक शब्दों से पुरुषों को सम्बोधित
करने का निषेध १६ गौरव-वाचक या चाटुता-सूचक शब्दों से पुरुषों को सम्बोधित
करने का निषेध २० नाम और गोत्र द्वारा पुरुषों को सम्बोधित करने का विधान २१ स्त्री या पुरुष का सन्देह होनेपर तत्संबन्धित जातिवाचक शब्दों
द्वारा निर्देश करने का विधान २२ अप्रीतिकर और उपधातकर वचन द्वारा सम्बोधित करने का
निषेध २३ शारीरिक अवस्थाओं के निर्देशन के उपयुक्त शब्दों के प्रयोग
का विधान २४-२५ गाय और बैल के बारे में बोलने का विवेक २६-३३ वृक्ष और वृक्षावयवों के बारे में बोलने का विवेक ३४-३५ औषधि (अनाज) के बारे में बोलने का विवेक ३६.३६ संखड़ि (जीमनवार) के बारे में बोलने का विवेक
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