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________________ दशवेकालिक सूची - ४५-४६ उद्गम के बारहवें दोष "उद्भिन्न" का वर्जन ४७-४८ दानार्थ किया हुआ आहार लेने का निषेध ४६-५० पुण्यार्थ किया हुआ आहार लेने का निषेध ५१-५२ वनीपक के लिए किया हुआ आहार लेने का निषेध ५३-५४ श्रमण के लिए किया हुआ आहार लेने का निषेध ५५ औद्दे शिक आदि दोष युक्त आहार लेने का निषेध ५६ भोजन के उद्गम की परीक्षा - विधि और शुद्ध भोजन लेने का विधान ७६४ ५७-५८ एषणा के सातवें दोष "उन्मिश्र" का वर्जन ५८-६० एषणा के तीसरे दोष “निक्षिप्त" का वर्जन ६१-६४ दायक - दोष युक्त भिक्षा का निषेध ६५-६६ अस्थिर शिला, काष्ट आदि पर पैर रखकर जाने का निषेध और उसका कारण अ० ५ उ० १ गाथा ८१ ६७-६८ उद्गम के तेरहवें दोष "मालापहृत" का वर्जन और उसका कारण ६९-७० सचित्त कन्द-मूल आदि लेने का निषेध ७१-७२ सचित्त-रज- संसृष्ट आहार आदि लेने का निषेध ७५ ऐसी -७३-७४ जिनमें खाने का थोड़ा भाग हो और फेंकना अधिक पड़े, वस्तुएँ लेने का निषेध तत्काल धोवन लेने का निषेध - एषणा के आठवें दोष "अपरिणत का वर्जन परिणत धोवन लेने का विधान ८० ७६ ७६ ७७-७८ धोवन की उपयोगिता में संदेह होने पर चखकर लेने का विधान प्यास- शमन के लिए अनुपयोगी जल लेने का निषेध असावधानी से लब्ध अनुपयोगी जल लेने का निषेध अनुपयोगी जल के परठने की विधि ८१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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