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________________ वर्ग ४ अ०१ ७५३ निरया-सूची ज- सौधर्मकल्प के पूर्णभद्र विमान में उपपात झ- पूर्णभद्र देव की स्थिति देवलोक से च्यवन, महाविदेह में जन्म और निर्वाण षष्ठ अध्ययन से दशम अध्ययन पर्यन्त क- पांच अध्ययनों का वर्णन-पूर्णभद्र अध्ययन के समान ख- मणिभद्र गाथापति–मणिवति नगरी ग- दत्त गाथापति--चंदना नगरी घ- शिव गाथापति ---मिथला नगरी ङ- बल गाथापति हस्तिनापुर च- अनाधत गाथापति-काकंदी नगरी चतुर्थ पुष्पचूला वर्ग प्रथम भूता अध्ययन १- क उत्थानिका-दश अध्यनों के नाम ख- प्रथम अध्ययन राजगृह, गुणशील चैत्य, भ० महावीर का सम वसरण-धर्मदेशना ग- सौधर्म कल्प से श्री देवी का आगमन, नाट्य दर्शन घ- भ० गोतम द्वारा पूर्वभव पृच्छा ङ- महावीर द्वारा पूर्व भव का वर्णन च- राजगृह, जितशत्रु कूणिक-राजा छ- सुदर्शन गाथापति, प्रिया भार्या, भूता-पुत्री ज- भूता का अविवाहित रहना छ- भ० पार्श्वनाथ का समवसरण-धर्म कथा, भूता का धर्म श्रवण, वैराग्य, अनगार प्रव्रज्या ज- भूता की शरीर सुश्रूषा ट- भूता का अलग उपाश्रय में निवास, स्वच्छन्द जीवन, श्रामण्य विराधना Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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